script

Care Ratings ने भारत की GDP Growth का लगाया 1.1 फीसदी का अनुमान

Published: Apr 25, 2020 05:00:34 pm

Submitted by:

Saurabh Sharma

केयर रेटिंग ने भारत की GDP Growth का अनुमान लगाया अब तक सबसे कम
रिपोर्ट में कहा, भारत की Economic Recovery नजर आ रही है बहुत ही मुश्किल

GDP Growth

Covid-19 Pandemic: Care Ratings Expects GDP Growth at 1.1 Percet in FY

नई दिल्ली। कोरोना वायरस लॉकडाउन ( Coronavirus Lockdown ) के बाद दुनियाभर रेटिंग एजेंसियों ने भारत की जीडीपी अनुमान ( GDP Estimate ) जितना दिया है उनमें सबसे कम जीडीपी ग्रोथ ( GDP Growth ) अनुमान घरेलू रेटिंग एजेंसी केयर रेटिंग्स ( Care Ratings ) ने लगाया है। एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार वित्त वर्ष 2020-21 में भारत की जीडीपी 1.1 फीसदी तक रह सकती है। एजेंसी ने अपनी इस लाइन में एक और बात जोड़ी है कि भारत की इकोनॉमिक रिकवरी ( India Economic Recovery ) काफी मुश्किल है। साथ ही इस ग्रोथ के और भी नीचे आने की संभावनाएं बन गई हैं। आपको बता दें कि मौजूदा समय में देश में 40 दिनों कोरोना वायरस लॉकडाउन है। जिसका असर काफी बड़ा देखने को मिल सकता है।

यह भी पढ़ेंः- Bank जाने से पहले Online Booking करें अपनी पसंद का टाइम, आसानी से कर पाएंगे काम

केयर रेटिंग की रिपोर्ट
रिपोर्ट के अनुसार वित्त वर्ष 2021 में भारत की जीडीपी ग्रोथ 1.1 फीसदी से 1.2 फीसदी के रहने की संभावना है। जिसमें और भी गिरावट देखने को मिल सकती है। रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि इकोनॉमी को सरकार और एग्रीकल्चर सेक्टर से मदद मिल सकती है, लेकिन इसके विपरीत बाकी सेक्टर बड़ा दबाव कायम रहने की संभावना है। केसर रेटिंग की रिपोर्ट की मानें तो मौजूदा वित्त वर्ष में माइनिंग, मैन्यूफैक्चरिंग और कंस्ट्रक्शन सेक्टर में कमजोरी की संभावनाएं बन रही है। वहीं दूसरी ओर फाइनेंशियल सर्विसेस, रियल एस्टेट और प्रोफेशनल सर्विसेस में 0.5 फीसदी का इजाफा देखने को मिल सकता है। वहीं देश की अर्थव्यवस्था को डिमांड और इंप्लोयमेंट के मामले में काफी चैलेंजिस देखने को मिल सकते हैं।

यह भी पढ़ेंः- Akshaya Tritiya 2020 : एक रुपया दिए बगैर खरीदिए Gold, Making Charge में भी मिलेगी छूट

इंवेस्टमेंट पर भी पड़ेगा असर
वहीं दूसरी ओर कोरोना वायरस की वजह से इंवेस्टमेंट पर भी बुरा असर देखने को मिल सकता है। रिपोर्ट में अनुमान लगाया है कि मौजूदा समय में सरकार कैपिटल एक्सपेंडीचर पर ध्यान ना देकर राहत पैकेज और उपायों पर फोकस करेगी। वहीं वैश्विक मंदी की वजह से फॉरेन ट्रेड पर भी नकारात्मक असर देखने को मिलेगा। रिपोर्ट के अनुसार सरकार काफी प्रतिबंधों के कारण 1 लाख करोड़ रुपए प्रति माह के जीएसटी कलेक्शन के टारगेट को पूरा करने में सक्षम नहीं होगी।

ट्रेंडिंग वीडियो