सीवीसी की इस रिपोर्ट से पता चलता है कि भारत में जेम्स व ज्वेलरी आैर एविएशन सेक्टर समेत 13 सेक्टर्स में 100 से भी अधिक फ्राॅड के मामले सामने आए हैं। लेकिन विजय माल्या, नीरव मोदी व मेहुल चोकसी जैसे हार्इ प्रोफाइल नामों की वजह से घाेटालों को लेकर सबकी नजरें बैंकिंग सेक्टर पर सबसे अधिक है। हालांकि सीवीसी ने अपनी इस रिपोर्ट किसी व्यक्ति या कंपनियों का नाम नहीं लिया है। सीवीसी ने यह रिपोर्ट भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआर्इ) को सौंपी दी है। आरबीआर्इ ने संज्ञान लेते हुए कहा है कि पब्लिक सेक्टर बैंकों में घोटालों में उसे इस मदद मिलेगी। बैंक ही नहीं बल्कि जेम्स व ज्वेलरी आैर एविएशन सेक्टर में कर्इ बड़े घोटाले सामने आएं है। आज हम इन्हीं दो सेक्टर्स के बारे में आपको बताने जा रहे हैं।
जेम्स व ज्वेलरी सेक्टर
जेम्स व ज्वेलरी सेक्टर को लेकर सीवीसी ने तीन फ्राॅड का विश्लेषण किया है जिन्हें बैंक से लोन लेने के बाद अंजाम दिया गया था। सीवीसी ने अपने विश्लेषण में कहा है कि कंपनियां बैंकों से पैसे लेने के लिए जानबूझकर हीरों की वैल्यूएशन में अपने हिसाब से बदलाव किया। बिना भुगतान किए हुए सभी निर्यात बिल को कंसाॅर्टियम बैंकों ने खरीद लिया था। वहीं कर्ज लेने के लिए बैंकों के पास जमा की गर्इ जानकारियों को तोड़ा-मरोड़ा गया है। इनमें से कर्इ जानकारियां गलत तरीके से पेश की गर्इ हैं। रिपोर्ट में कहा गया है बैंकों की तरफ से भी कर्इ बातों काे नजरअंदाज किया गया है। कर्ज देते समय में कर्इ कंपनियों व ग्राहकों का क्रेडिट एसेसमेंट भी नहीं किया गया।
एविएशन सेक्टर
एविएशन सेक्टर में एक विश्लेषण को लेकर सीवीसी ने एक कंपनी के खासतौर पर जिक्र किया है। काॅमर्शियल तौर पर इस कंपनी ने साल 2005 में अपना आॅपरेशन शुरू किया था आैर इस कंपनी के पास एविएशन मार्केट में 21 फीसदी की हिस्सेदारी है। इस कंपनी को दूसरी फर्म ने भी प्रोमोट किया जिसकी मौजूदगी भारत ही नहीं बल्कि दुनियाभर के कर्इ देशों में हैं। इस कंपनी को लेकर सीवीसी ने खुलाया किया है कि कंपनी ने अपने फाइनेंशियल स्टेटमेंट की गलत जानकारी देकर अपने बैंका को धोखा दिया है। ये कंपनी अपने अधिकतर विमान को लीज पर चलाती थी आैर इसे एक विदेशी र्इकार्इं हैंडल करती थी। यह र्इकार्इ बदले में फर्जी बिल बनाती थी। लीज के लिए देय राशि को कंपनी लीजिंग कंपनी को भुगतान करती थी आैर शेष रकम इस र्इकार्इं के पास जमा करा देती थी।