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डीबीएस और मूडीज ने भारत का जीडीपी अनुमान घटाकर किया और कम, जारी किए आंकड़े

Published: Dec 13, 2019 05:41:29 pm

Submitted by:

Saurabh Sharma

डीबीएस ने जीडीपी अनुमान को 5.5 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी कर दिया
मूडीज ने वृद्धि दर का अनुमान 2019 के लिए घटाकर 5.6 फीसदी कर दिया

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DBS and Moody’s reduce India’s GDP estimate lower, figures released

नई दिल्ली। क्रिसिल , भारतीय रिजर्व बैंक और एशियन विकास बैंक के बाद सिंगापुर के डीबीएस बैकिंग समूह ( DBS Banking Group ) और रेटिंग्स एजेंसी मूडीज ( Moodys ) ने शुक्रवार को भारत के सकल घरेलू उत्पाद ( Gross Domestic Product ) अनुमान को घटाकर और कम कर दिया है। इससे पहले क्रिसिल, गोल्डमैन सैसे, एशियन विकास बैंक और भारतीय रिजर्व बैंक ने भी जीडीपी अनुमान ( GDP Estimates ) में बड़ी कमी की थी। आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर दोनों एजेंसियों ने भारत की जीडीपी का क्या अनुमान लगाया है।

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डीबीएस ने घटाया अनुमान
डीबीएस बैकिंग समूह ने देश की जीडीपी अनुमान को 5.5 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी कर दिया। डीबीएस बैकिंग समूह ने जीडीपी अनुमान घटाते हुए कहा है कि वित्तीय क्षेत्र पर दबाव की वजह से इस वर्ष भारतीय अर्थव्यवस्था तेजी से नीचे आएगी।

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मूडीज ने भी गिराया अनुमान
वहीं दूसरी ओर मूडीज इंवेस्टर्स सर्विस ने भारत की आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान 2019 के लिए घटाकर 5.6 फीसदी कर दिया। मूडीज के अनुसार रोजगार की धीमी वृद्धि दर का उपभोग पर असर पड़ रहा है। वृद्धि दर में इसके बाद सुधार होगा और यह 2020 तथा 2021 में क्रमश: 6.6 फीसदी और 6.7 फीसदी रह सकती है। हालांकि वृद्धि दर सुधार के बाद भी पहले की तुलना में कम बनी रहेगी।

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इन एजेंसियों ने भी दिया झटका
इससे पहले क्रिसिल, गोल्डमैन सैसे, एशियन विकास बैंक और भारतीय रिजर्व बैंक ने भी जीडीपी के अनुमान में बड़ी कमी की थी। एडीबी ने बुधवार को चालू वित्त वर्ष के लिए भारत के चालू वित्त वर्ष के लिए जीडीपी का अनुमान घटाकर 5.1 प्रतिशत कर दिया था । रिजर्व बैंक भी चालू वित्त वर्ष की पांचवीं द्वैमासिक मौद्रिक समीक्षा में जीडीपी का अनुमान 6.1 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत रहने का अनुमान जता चुका है। इससे पहले ब्रोकरेज फर्म गोल्डमैन सैसे और क्रिसिल दोनों ही भारत की जीडीपी रफ्तार को पहले के छह प्रतिशत की तुलना में घटाकर 5.3 प्रतिशत रहने का अनुमान व्यक्त कर चुके हैं।

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4.5 फीसदी पद आई विकास दर
गौरतलब है कि हाल ही में चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के लिए जारी जीडीपी आंकड़ों में यह 26 तिमाहियों के निचले स्तर 4.5 फीसदी पर आ गई थी। अक्टूबर में प्रमुख उद्योगों की विकास दर घटकर 5.2 फीसदी रही। चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में जीडीपी पिछले साल के साढ़े सात प्रतिशत की तुलना में मात्र 4.8 फीसदी की रफ्तार ही हासिल कर पाई।

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