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GST के 2 माह बाद भी 50 हजार में से केवल 15 कंपनियों ने ही घटाए वस्तुओं के रेट

मंत्रालय के मुताबिक जीएसटी लागू होने के बाद उपभोक्ता संबंधी 55 शिकायतें प्राप्त हुई हैं। जिनमें एमआरपी से अधिक रेट वसूलने की बात कही गई है।

Sep 01, 2017 / 10:28 am

Mohit sharma

नई दिल्ली। एक ओर जहां एकल कर व्यवस्था से होने वाले लाभ को लेकर बड़े-बड़े दावे किए जा रहे थे, वहीं जीएसटी लागू होने के दो माह बाद भी आम आदमी तक इसका लाभ नहीं पहुंचता दिखाई नहीं रहा है। हालांकि जीएसटी लागू होने से आम जरूरत की कई वस्तुओं के दाम कम हुए हैं, लेकिन अभी भी कंज्यूमर पुराने रेट पर ही चीज खरीदने को मजबूर हैं। माना जा रहा है कि जीएसटी का फायदा कंज्यूमर को कम और कंपनियों को अधिक हुआ है।

50 हजार में 15 कंपनियों ने कम किए दाम

उपभोक्ता मंत्रालय के आंकड़ों पर गौर करें तो 1 जुलाई को जीएसटी लागू होने के बाद अब तक केवल 50 हजार में से सिर्फ 15 कंपनियों ने ही अपने उत्पादों पर रेट कम किए हैं। मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक जिन 15 कंपनियों ने जीएसटी के बाद अपने उत्पादों के दाम कम भी किए हैं, उनमें अधिकांश कंपनियां खेल सामान से संबंधित हैं। उन्होंने कहा कि कुछ कंपनियों ने उत्पाद का दाम बढऩे के बावजूद एमआरपी नहीं बदला, क्योंकि पहली एमआरपी में टैक्स शामिल थे। इसलिए कंपनियों ने नए दाम नहीं लिखे।कंज्यूमर पुराने रेट पर ही चीज खरीदने को मजबूर हैं। आपको बता दें कि केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मंत्रालय के पास 50 हजार कंपनियां और आयातक रजिस्टर्ड हैं।

मंत्रालय को मिली 55 शिकायतें


मंत्रालय के मुताबिक जीएसटी लागू होने के बाद उपभोक्ता संबंधी 55 शिकायतें प्राप्त हुई हैं। जिनमें एमआरपी से अधिक रेट वसूलने की बात कही गई है। वहीं केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मंत्री रामविलास पासवान ने कहा कि जीएसटी लागू होने के बाद उपभोक्ताओं के हितों को दृष्टिगत रखते हुए उत्पादों के रेट बढऩे या घटने की स्थिति में वस्तुओं पर नई एमआरपी लिखने का प्रावधान किया गया था। जिसका उद्देश्य उपभोक्ताओं को धोखाधड़ी से बचाना है। उन्होंने कहा कि नियमों और कानून का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ राज्यों को कार्रवाई करनी चाहिए। कंज्यूमर पुराने रेट पर ही चीज खरीदने को मजबूर हैं। 

 

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