मार्च, 2018 में निर्यात का आंकड़ा 29.32 अरब डॉलर रहा था। आलोच्य महीने में आयात भी 1.44 फीसदी बढ़कर 43.44 अरब डॉलर रहा। हालांकि, इस दौरान व्यापार घाटा कम होकर 10.89 अरब डॉलर पर आ गया, जो मार्च, 2018 में 13.51 अरब डॉलर था। सोने का आयात मार्च में 31.22 फीसदी बढ़कर 3.27 अरब डॉलर पर पहुंच गया। कच्चे तेल का आयात 5.55 फीसदी की वृद्धि के साथ 11.75 अरब डॉलर रहा। पूरे वित्त वर्ष 2018-19 में आयात 8.99 फीसदी बढ़कर 507.44 अरब डॉलर रहा। वित्त वर्ष के दौरान व्यापार घाटा बढ़कर 176.42 अरब डॉलर रहा, जो 2017-18 में 162 अरब डॉलर था।
वाणिज्य मंत्रालय ने बयान में कहा कि पिछले तीन वित्त वर्षों के दौरान निर्यात में लगभग एक जैसी वृद्धि हुई है। वित्त वर्ष 2018-19 में निर्यात का आंकड़ा 331.02 अरब डॉलर रहने का अनुमान है। यह किसी वित्त वर्ष में निर्यात का सबसे ऊंचा आंकड़ा है। इससे पहले 2013-14 में निर्यात 314.4 अरब डॉलर रहा था। वित्त वर्ष के दौरान जिन क्षेत्रों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई उनमें पेट्रोलियम 28 प्रतिशत, प्लास्टिक 25.6 फीसदी, प्लास्टिक 25.6 फीसदी, रसायन 22 फीसदी, फार्मास्युटिकल्स 11 फीसदी और इंजीनियरिंग 6.36 फीसदी शामिल हैं।
देश का सेवा निर्यात फरवरी में 5.5 प्रतिशत बढ़ा
देश का सेवा निर्यात 2018-19 के फरवरी महीने में 5.5 प्रतिशत बढ़कर 16.58 अरब डालर पर पहुंच गया। एक साल पहले इसी महीने में यह 15.71 अरब डालर था। भारतीय रिजर्व बैंक के सोमवार को जारी आंकड़े के अनुसार, फरवरी 2019 का निर्यात जनवरी के 17.75 अरब डालर से कम है। आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार, इस साल फरवरी में सेवा आयात 3.3 प्रतिशत घटकर 9.81 अरब डालर रहा। एक साल पहले, इसी महीने में यह 10.14 अरब डालर था। इस साल जनवरी में आयात 11.3 अरब डालर था। केंद्रीय बैंक करीब 45 दिन के अंतराल पर देश के अंतरराष्ट्रीय व्यापार का मासिक आंकड़ा जारी करता है। सेवाओं का मासिक आंकड़ा अस्थायी होती है और तिमाही आधार पर भुगतान संतुलन का आंकड़ा जारी होने के बाद इसमें संशोधन होता है।
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