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वित्त मंत्रालय ने सरकारी उधार के बारे में घोषणा करने से पहले चुनाव आयोग से मांगी अनुमति

वित्त वर्ष 2019-20 के लिए सरकार ने 7.10 लाख करोड़ रुपए मार्केट से बॉरो करने का दिया था प्रस्ताव।
वित्त मंत्रालय व आरबीआई की बैठक में तैयार किया गया शेड्यूल।
चालू वित्त वर्ष में 5.71 लाख करोड़ रुपए का रखा गया था लक्ष्य।

नई दिल्लीMar 26, 2019 / 08:23 pm

Ashutosh Verma

वित्त मंत्रालय ने सरकारी उधार के बारे में घोषणा करने से पहले चुनाव आयोग से मांगी अनुमति

नई दिल्ली। आगामी एक अप्रैल से शुरू होने वाले नए वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में सरकारी उधार प्रोग्राम के बारे में जानकारी मांगने के लिए वित्त मंत्रालय ने चुनाव आयोग अनुमतिम मांगी है। सरकार ने अपने अंतरिम बजट में वित्त वर्ष 2019-20 के लिए मार्केट से 7.10 लाख करोड़ रुपए का लेने का प्रस्ताव दिया था। इसके पहले वित्त वर्ष में सरकार ने बाजार से 5.71 लाख करोड़ रुपए लिया था।


आचार सहिंता की वजह से नहीं किया गया घोषणा

वित्त मंत्रालय ने और भारतीय रिजर्व बैंक के प्रतिनिधियों ने मंगलवार को बॉरोईंग कैलेंडर को अंतिम रूप दिया। यह कैलेंडर वित्त वर्ष 2019-20 में अप्रैल-सितंबर के लिए किया गया है। वित्त मंत्रालय ने आचार सहिंता को ध्यान में रखते हुए इस बारे में कोई घोषणा नहीं किया। बता दें कि आगामी लोकसभा चुनाव 7 चरणों में होने वाले हैं। 23 मई को चुनावी नतीजों की घोषणा होनी हैं।


नए वित्त वर्ष में सरकार ने 7.10 लाख करोड़ रुपए का रखा है लक्ष्य

वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “हमने चुनाव आयोग की अनुमति मांगी है ताकि आगामी वित्त वर्ष में बॉरोईंग शेड्यूल के बारे में जानकारी दे सकें।” बता दें कि सरकार चालू वित्त वर्ष में अपने राजकोषीय घाटे को पूरा करने के लिए बाजार से पैसे बॉरो करती है। राजकोषीय घाटा सरकार के कुल खर्च व कुल रसीद का अंतर होता है।

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