नई दिल्लीPublished: Aug 18, 2018 02:06:38 pm
Saurabh Sharma
दिन 15 अगस्त आैर साल 1998। ये वो एतिहासिक दिन था जिसमें बीजेपी उर्फ एनडीए सरकार के प्रधानमंत्री ने पहली बार लाल किले के प्राचीर से तिरंगा फहराया था। ये प्रधानमंत्री आैर कोर्इ नहीं बल्कि अटल बिहारी वाजपेयी थे।
नर्इ दिल्ली। दिन 15 अगस्त आैर साल 1998। ये वो एतिहासिक दिन था जिसमें मौजूदा पीएम नरेंद्र मोदी के पिता एवं बीजेपी यानी एनडीए सरकार के प्रधानमंत्री ने पहली बार लाल किले के प्राचीर से तिरंगा फहराया था। ये प्रधानमंत्री आैर कोर्इ नहीं बल्कि अटल बिहारी वाजपेयी थे। आप भी चौंक गए होंगे कि हम अटल बिहारी को नरेंद्र मोदी का पिता क्याें कह रहे हैं। इसके लिए आप पीएमआे के ट्वीटर हैंडल को देख सकते हैं। जिसमें उन्हाेंने अटल बिहारी वाजपेयी को अपना पिता कहा है। कहा जाता है कि दिन लाल किले में इतनी भीड़ एकत्र हुर्इ थी जितनी कभी जवाहरलाल नेहरू के भाषण पर हुआ करती थी। अटल का यह भाषण कर्इ मायनों में एेतिहासिक था। इस दिन उन्होंने अपने भाषण में देश के बच्चों के लिए सरकारी खजाना खोलकर जवाहर लाल नेहरू की याद दिला दी थी। लेकिन एेसा कोर्इ काम नरेंद्र मोदी कभी नहीं कर पाए। कह यह भी सकते हैं कि वो कभी नहीं कर पाएंगे। आइए आपको भी बताते हैं कि उन्होंने बच्चों के लिए देश का सरकारी खजाना क्यों खोला था?
बारिश में हजारों बच्चे सुन रहे थे अटल का भाषण
15 अगस्त 1998 को जब तत्कालिक प्रधानमंत्री अटल बिहारी देश को संबोधित कर रहे थे तो उस वक्त बारिश हो रही थी। देश हजारों बच्चे लाइव अटल का भाषण बड़े ही तत्परता से सुन रहे थे। आज वो बच्चे कामयाबी की बुलंदियों पर होंगे। लेकिन देश के बच्चों के लिए अटल ने जाे किया वो इतिहास बन गया। बारिश की बूंदों के साथ अटल बिहारी वाजपेयी ने देश के बच्चों पर नोटों की बरसात कर दी थी। उन्होंने बच्चों का भविष्य संवारने के करोड़ों रुपयों को खर्च करने का एेसा एेलान कर दिया था जो जहन से आज भी नहीं उतरता है।
बच्चों की पढ़ार्इ के लिए 550 करोड़ रुपए की घोषणा
अपने भाषण में पोखरण की कामयाबी, पाकिस्तान के साथ दोस्ती का हाथ, आैर जय किसान, जय विज्ञान से आगे बढ़े तो उन्हें देश के उन बच्चों का ख्याल आया जिनके पास प्राथमिक शिक्षा प्राप्त करने के लिए किताबें नहीं होती थी। रुपयों की तंगी की वजह से उनका परिवार अपने बच्चों को प्राथमिक शिक्षा तक दिला पाते थे। जिसे देखते हुए उन्होंने एेलान किया कि देश के सभी प्राथमिक शिक्षा प्राप्त करने वाले बच्चों को केंद्र सरकार मुफ्त किताबें देगी। जिसके लिए उन्होंने देश के खजाने से उस समय 550 करोड़ रुपए खर्च करने का एेलान किया था।
अटल का हमेशा आभारी वो हर बच्चा
उस एेलान के बाद प्राथमिक शिक्षा प्राप्त करने वाले बच्चों को मुफ्त किताबें दी गर्इ। जिससे उन बच्चों आगे पढ़ने आैर बढ़ने ललक पैदा हुर्इ। आज वो बच्चा एक कामयाब शख्स बनने में सफल हो सका। उस दौर का हर वो बच्चा अटल के उस एेलान का आभारी रहेगा। साथ कर्जदार रहेगा कि उन्होंने देश के बच्चों को इस तरह की सौगात दी।