वृद्धि दर में आएगी गिरावट
इससे पहले मार्च में फिच रेटिंग्स ने चालू वित्त वर्ष के लिए भारत की वृद्धि दर के अनुमान को 7 फीसदी से घटाकर 6.8 फीसदी किया था। भारतीय अर्थव्यवस्था ( economy ) की रफ्तार सुस्त पड़ने की वजह से उस समय फिच ने जीडीपी अनुमान को घटाया था। फिच ने वृद्धि दर का अनुमान ऐसे समय कम किया है, जब पांच जुलाई को 2019-20 का बजट ( budget ) पेश होना है।
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5 साल के निचले स्तर पर आई अर्थव्यवस्था
वित्त वर्ष 2018-19 में भारतीय अर्थव्यवस्था ( Indian economy ) की वृद्धि दर 5.8 फीसदी रही, जोकि पिछले पांच साल का सबसे न्यूनतम स्तर है। जनवरी-मार्च तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर घटकर पांच साल के निचले स्तर 5.8 फीसदी पर आ गई। इससे भारत ने सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था का तमगा चीन से गंवा दिया है। आलोच्य तिमाही में चीन की वृद्धि दर 6.4 फीसदी रही।
rbi ने कहा 7 फीसदी रह सकती है वृद्धि दर
फिच रेटिंग्स ने अपने ताजा वैश्विक आर्थिक परिदृश्य में कहा है, ‘‘2019-20 में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 6.6 फीसदी रहेगी। 2020-21 में यह बढ़कर 7.1 फीसदी पर पहुंच जाएगी। 2021-22 में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 7 फीसदी रहने का अनुमान है।’’ भारतीय रिजर्व बैंक ( reserve bank of india ) ने चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 7 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है।
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( ये न्यूज एजेंसी से ली गई है। )