रेटिंग एजेंसी ने कहा कि फिसलन कम होने और बेहतर वसूली से कई बैंकों में गैर-निष्पादित कर्ज कम करने में मदद मिली है।
फिच की रेटिंग के अनुसार, 21 सरकारी बैंकों में से 14 में प्रोविजनिंग का दबाव कम हुआ है। मध्यम या छोटे आकार के सरकारी बैंक सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं।
एजेंसी ने कहा, “जटिल कानूनी प्रक्रियाओं के कारण सिस्टम के 150 अरब एनपीएल (वित्त वर्ष 2018) में कुछ बड़े एनपीएल के समाधान में विलंब हुआ है जिससे वसूली का समय 270 दिनों की निर्धारित समय सीमा काफी लंबा खिंच गया।”