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Goldman Sachs ने घटार्इ भारत की रेटिंग, आेवरवेट से किया मार्केटवेट, जानिए क्यों

locationनई दिल्लीPublished: Sep 17, 2018 03:43:32 pm

Submitted by:

Ashutosh Verma

हाल ही में भारत के वैल्युएशन आैर परफाॅर्मेंस को देखते हुए हमने अपने इन्वेस्टमेंट के नजरिए को आेवरवेट से घटाकर को मार्केटवेट कर दिया गया है। मौजूदा समय में भारतीय इक्विटी बाजार अधिक जोखिम भरा है।

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Goldman Sachs ने घटार्इ भारत की रेटिंग, आेवरवेट से किया मार्केटवेट, जानिए क्यों

नर्इ दिल्ली। वैश्विक इन्वेस्टमेंट बैंकिंग कंपनी गोल्डमैन सैश ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर भारत को एक बड़ा झटका दिया है। इन्वेस्टमेंट बैंकिंग कंपनी ने भारत की रेटिंग को साल 2014 में दिए गए ‘आेवरवेट’ से घटकार इस साल 2018 के लिए ‘मार्केटवेट’ कर दिया है। कंपनी ने कहा है कि हाल ही में भारत के वैल्युएशन आैर परफाॅर्मेंस को देखते हुए हमने अपने इन्वेस्टमेंट के नजरिए को आेवरवेट से घटाकर को मार्केटवेट कर दिया गया है। मौजूदा समय में भारतीय इक्विटी बाजार अधिक जोखिम भरा है।

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2014 में कंपनी ने मोदी सरकार की नीतियों पर जताया था भरोसा
कंपनी ने निफ्टी टार्गेट लेवल को देखते हुए कहा कि आने वाले दिनों में भारत में होने वाले लोकसभा चुनाव के पहले घरेलू शेयर बाजार में तेजी देखने को मिल सकती है। राजनीतिक अनिश्चितता को देखते हुए इस बात की उम्मीद की जा सकती है कि निफ्टी 12 हजार तक के जादुर्इ आंकड़े को पार कर लेगी। इसके पहले साल 2014 में कंपनी ने सरकार की नीतियों आैर भारतीय बाजार में आने वाली तेजी की उम्मीद में अपनी रेटिंग को आेवरवेट किया था। कंपनी ने अर्थव्यवस्था को लेकर सरकार की कर्इ बुनियादी बदलावों में भरोसा जतार्इ थी। गौरतलब है कि पिछले 5 साल में इक्विटी में लगभग दोगुनी तेजी देखने को मिली है।

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निफ्टी में तेजी से निवेशकों को नहीं मिला खास फायदा
एक रिपोर्ट में कहा गया कि भारतीय इक्विटी सभी एशियार्इ इक्विटी में सबसे महंगी है आैर मौजूदा समय में ये 58 फीसदी की रिकाॅर्ड तेजी के साथ ट्रेड कर रही है। लेकिन इसी स्तर पर 3 से 6 माह में इक्विटी में एेतिहासिक निगेटिव रिटर्न देखने को मिला है। बीते पांच साल में निफ्टी में 14 फीसदी की तेजी देखने को मिली है लेकिन इससे होने वाला कुल कमार्इ केवल 5 फीसदी ही रहा है। मार्केट फ्लो पर कंपनी ने कहा कि लगातार चार माह से फ्लो में कमी आर्इ है। एेसे में फंड कम इक्विटी फ्लो देखने को मिल सकता है क्योंकि इक्विटी आैर बाॅन्ड का गैप बीते 10 साल के न्यूनतम स्तर पर है।

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