जीएसटी कर संरचना और होगी आसान कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल, जो इस समिति के सदस्य भी हैं ने तरह की समिति के गठन का स्वागत करते हुए कहा कि अंतिम स्तर के व्यापारी के दृष्टिकोण को सुरक्षित करने और जीएसटी कर संरचना के अधिक आसान अनुपालन को प्रोत्साहित करने और कर आधार को व्यापक करने के लिए जीएसटी के तहत, राज्य और जिला स्तर पर भी इसी तरह की समितियाँ बनाई जाएंगी तो यह सबसे उपयुक्त होगा। उन्होंने कहा की यह केंद्र सरकार का एक सकारात्मक कदम है जो जीएसटी कराधान प्रणाली को सरल और तर्कसंगत बनाने में तथा इस मुद्दे पर एक लचीला दृष्टिकोण रखने के लिए सरकार की प्राथमिकता को दर्शाता है ताकि एक साधारण व्यापारी भी जीएसटी का अनुपालन कर सके।
सदस्यों में ये भी होंगे शामिल कैट के अतिरिक्त एसोचैम ,फिक्की, पीएचडी चैंबर, नैस्कॉम,लघु उद्योग भारती और राजस्थान टैक्स कंसल्टेंट एसोसिएशन के प्रतिनिधियों को सदस्यों के रूप में लिया गया है। इसके अलावा, इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया, इंस्टीट्यूट ऑफ कंपनी सेक्रेटरीज ऑफ इंडिया, इंस्टीट्यूट ऑफ कॉस्ट अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया एवं टैक्स विशेषज्ञों को भी समिति में प्रतिनिधित्व दिया गया है। जीएसटीएन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (सेवा) समिति के सदस्य सचिव होंगे
करदाताओं को मिलेगी उचित सलाह समिति के संदर्भ की शर्तों में जीएसटी सिस्टम में जब महत्वपूर्ण बदलाव लाए गए हों या जब व्यावसायिक प्रक्रिया में इस तरह के बदलावों को लाने पर विचार हो तो उस पर फीडबैक देना , सिस्टम में नए कार्यात्मकताओं और आवश्यक नए आईटी उपकरणों को शामिल करने पर पर सुझाव देना , करदाताओं से सम्बंधित प्रक्रियाओं पर सलाह देना आदि शामिल हैं ! सलाहकार समिति की सिफारिश मुख्य रूप से दो भागों में होगी, एक प्रौद्योगिकी से संबंधित और दूसरी नीति से संबंधित जिससे इन दोनों का समावेश बेहतर तरीके से जीएसटी सिस्टम में किया जा सके !