सूत्रों की मानें तो वित्त मंत्रालय, कैबिनेट सचिवालय और इलेक्ट्रानिक्स एवं सूचना तकनीक मंत्रालय डिजिटल पेमेंट पर डिस्काउंट या कैशबैक देने की सुविधा देने पर विचार कर रही हैं। सरकार की इस योजना का लक्ष्य भारत को कम नगदी लेनदेन आधारित अर्थव्यवस्था बनाना है कि जिसके लिए सरकार सभी तरह के डिजिटल पेमेंट और खासकर छोटे लेनदेन करनेवालों को फायदा देने के बारे में सोच रही हैं।
नोटबंदी के बाद डिजिटल पेमेंट पर हुआ था विश्लेषण
सरकार के इन प्रयासों के लिए सूचना एवं तकनीक मंत्रालय अगुवाई कर रहा हैं। मंत्रालय देश में इलेक्ट्रॉनिक पेमेंट्स को और अधिक लोकप्रिय बनाने के लिए तरह-तरह के कदम उठाने पर विचार कर रहा हैं। हाल ही में हुए एक मीटिंग में 8 नवंबर 2016 को नोटबंदी के ऐलान के बाद डिजिटल पेमेंट सिस्टम से लेनेदेन की स्थिति का विश्लेषण हुआ था। इस बैठक मे आईटी मिनिस्टर रवि शंकर प्रसाद और वित्त मंत्रालय समेत सरकार के विभिन्न विभागों तथा कैबिनेट सचिवालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्स लिया था।
प्रधानमंत्री भी डिजिटल पेमेंट का कर चुकें हैं जिक्र डिजिटल पेमेंट्स को बढ़ावा देने की बात को स्वयं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी कई मौकों पर दोहरा चुके हैं। 71वें स्वतंत्र दिवस पर अपने भाषण में प्रधानमंत्री ने लोगों से नगद लेनेदेन कम करने की अपील की थी। डिजिटल पेमेंट्स से औपचारिक अर्थव्सवस्था को और तेजी मिलेगी। इससे मौजूदा लूपहोल्स भी बंद होंगे और काले धन के खिलाफ लड़ाई को और ताकत मिलेगी। रिजर्व बैंक के मुतबिक, पिछले साल नवंबर में 67 करोड़ डिजिटल पेमेंट्स हुए जो इस साल मार्च तक बढक़र रिकॉर्ड 89 करोड़ पर पहुच गया। हालांकि जून महीनें में सिर्फ 84 करोड़ ट्रांजैक्शन ही डिजिटल पेमेंट के माध्यम से हुआ।