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खुशखबरी: चीनी पर नहीं लगेगा सेस, GST बैठक में नहीं बनी सहमति

locationनई दिल्लीPublished: May 04, 2018 04:22:53 pm

Submitted by:

Manoj Kumar

जीएसटी परिषद की 27वीं बैठक में चीनी पर उपकर लगाने के विषय में सदस्यों ने अलग-अलग मत जाहिर किए।

GST Council Meeting
नई दिल्ली। केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में शुक्रवार को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद की बैठक हुई। बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा हुई। इसमें सबसे खास मुद्दा चीनी पर सेस लगाना रहा, लेकिन इस पर परिषद के सदस्यों में कोई सहमति नहीं बन पाई। जीएसटी परिषद की बैठक के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि चीनी पर उपकर (सेस) लगाने के लिए मंत्रिसमूह विचार करेगा। जीएसटी परिषद की 27वीं बैठक में चीनी पर उपकर लगाने के विषय में सदस्यों ने अलग-अलग मत जाहिर किए। पश्चिम बंगाल के वित्तमंत्री ने कहा कि चीनी पर उपकर लगाने का फायदा सिर्फ महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश को होगा। परिषद की ओर से इस मसले पर विचार करने के लिए मंत्रिसमूह का गठन करने की सिफारिश की गई।
चीनी पर सेस लगाने पर मंत्रिसमूह करेगा विचार

वित्तमंत्री ने परिषद की बैठक के बाद वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि चीनी पर उपकर लगाने पर मंत्रिसमूह विचार करेगा। मौजूदा चीनी उत्पादन व विपणन वर्ष 2017-18 (अक्टूबर-सितंबर) में अप्रैल के आखिर तक देश में चीनी का उत्पादन 310 लाख टन से ज्यादा हो गया। खपत के मुकाबले आपूर्ति ज्यादा होने से घरेलू बाजार में चीनी की कीमतों में गिरावट आई, जिसके चलते मिलों पर गन्ना किसानों का बकाया लगभग 20,000 करोड़ रुपए हो गया है।
गन्ना किसानों को राहत के लिए सेस लगाना चाहती है सरकार

गन्ना उत्पादकों के बकाए का भुगतान समय से किए जाने के उपाय के मद्देनजर सरकार ने मिलों को उत्पादन लागत में राहत प्रदान करते हुए किसानों को गन्ने की खरीद पर 55 रुपए टन की दर से सीधा भुगतान करने का फैसला किया। इसके लिए फंड की व्यवस्था करने के मकसद से केंद्र सरकार चीनी पर उपकर लगाना चाहती है। आपको बता दें कि देशभर के गन्ना किसान काफी समय से केंद्र और राज्य सरकारों से उनकी फसल का उचित दाम दिलाने की मांग करते आ रहे हैं। 2019 के लोकसभा चुनावों को देखते हुए सरकार पर किसानों की मांग पूरा करने का दबाव है।
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