कई वस्तुओं पर है 28 फीसदी कर
वस्तु एवं सेवा कर लागू होने के बाद से सैनिटरी नैपकिन, हस्तशिल्प तथा हथकरघा जैसी कई और वस्तुओं को 12 फीसदी, 18 फीसदी और 28 फीसदी के टैक्स स्लैब में रख गय है। क्योंकि इन वस्तुओं पर जीएसटी दरें ज्यादा थी इसलिए जनता सरकार से बेहद ही नाराज हो गई। जनता ने इन वस्तुओं पर दरें घटाने के साथ-साथ सामान्य स्वास्थ्य और रोजगार पैदा करने वाले उत्पादों पर दरों में कटौती करने की मांग की ।
किन मुद्दों पर होगी बात
अब खबर है की बैठक के दौरान परिषद विभिन्न वस्तुओं पर टैक्स की दरों में बदलाव का मुद्दा उठाएगा। हथकरघा एवं हस्तशिल्प उत्पादों के साथ सैनिटरी नैपकिन पर अभी 12 फीसदी का टैक्स लगता है, जबकि इन्हें टैक्स से मुक्त रखने की मांग जनता ने की है। इस मुद्दे पर भी बात की जाएगी।
लक्जरी वस्तुओं पर लगेगा कृषि सेस
बता दें की कुछ लक्जरी वस्तुओं पर सरकार जीएसटी की दरों को बढ़ा सकती हैं। हालांकि अभी तक तो इस बात का कोई खुलासा नहीं किया गया है कि सरकार किन लक्जरी वस्तुओं पर दरें बढ़ाएगी। लेकिन यह तो साफ है की लक्जरी वस्तुओं पर एक से दो फीसदी तक जीएसटी कर बढ़ सकता है। इसके साथ सरकार ने लक्जरी आइटम्स पर एक फीसदी कृषि सेस यानी उपकर लगाने की भी हरी झंडी दे दी है। हालांकि सरकार की मंजूरी के बाद इसे मिनिस्टर्स के जरिए जीएसटी काउंसिल को भेजा जाना है।
जनता को खफा नहीं करेगी सरकार
2019 को देखते हुए ये तो साफ है मोदी सरकार जनता को अपनी तरफ करने में कोई कसर नही छोड़ेगी। मोदी सरकार ऐसा कोई काम नहीं करेगी जिससे जनता उनसे खफा हो। सरकार 2019 और जनता की बार-बार उठती मांग को देखते हुए सैनिटरी नैपकिन, हस्तशिल्प तथा हथकरघा जैसी कई वस्तुओं को कर मुक्ट भी कर सकती हैं।