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GSTN बनी सरकारी कंपनी, रिटर्न भरना भी हुआ आसान

locationनई दिल्लीPublished: May 04, 2018 05:07:11 pm

Submitted by:

Saurabh Sharma

केंद्र और राज्य सरकार के पास जीएसटीएन में 50-50 फीसद की बराबर-बराबर हिस्सेदारी होगी।

Arun J

GST council Meet

नई दिल्‍ली। शुक्रवार को जीएसटी काउंसिल की 27वी बैठक में दो बातों को छोड़ किसी पर भी सहमति नहीं बन सकी। जहां एक ओर जीएसटीएन को पूरी तरह से सरकारी कंपनी बनाने पर सहमति बन गई है। वहीं दूसरी ओर जीएसटी फॉर्म के सरलीकरण को लेकर सभी राज्‍यों में एका दिखाई दिया। इससे पहले दिल्‍ली में वित्‍त मंत्री अरुण जेटली की अध्‍यक्षता में बैठक हुई। जिसके बाद वीडियो कांफेंसिंग के जरिये मीडिया को बैठक के बारे में बताया गया।

सरकारी कंपनी बनी जीएसटीएन
केंद्रीय वित्त मंत्री और जीएसटी काउंसिल के अध्यक्ष अरुण जेटली ने कहा कि जीएसटीएन में जो निजी कंपनियों के पास 51 फीसद की हिस्सेदारी है सरकार उसे वापस ले लेगी। इसके बाद केंद्र और राज्य सरकार के पास जीएसटीएन में 50-50 फीसद की बराबर-बराबर हिस्सेदारी होगी। राज्य सरकारों के पास हिस्सेदारी प्रो-रेटा आधार पर होगी जो कि उनके जीएसटी अनुपात में होगी। इस तरह से जीएसटीन पूरी तरह से सरकारी कंपनी हो जाएगी।

इन मामलों में बनी समिति
जेटली ने जानकारी देते हुए कहा कि जीएसटी काउंसिल सुगर पर सेस लगाने का फैसला टाल दिया है। इस मुद्दे को पांच मंत्रियों के समूह को सौंपा गया है जो दो हफ्तों में अपनी रिपोर्ट देगी। मंत्रियों के नामों की घोषणा दो दिनों में कर दी जाएगी। वहीं डिजिटल पेमेंट में 2 फीसदी के इन्सेंटिव पर आम सहमति नहीं बन सकी है। इस मामले को भी पांच सदस्यीय समिति को सौंपा गया है।

जीएसटी पर संतोष
इससे पहले सभी वित्‍तमंत्रियों और अध्‍यक्ष जीएसटी में आए रेवेन्‍यु पर चर्चा की गई। जिस पर सभी सदस्‍यों ने संतोष व्‍यक्‍त किया। पिछले एक साल में जीएसटी से जो रेवेन्‍यु मिला है वो एक लाख करोड़ रुपए हैं। जोकि एक रिकॉर्ड बन गया है। वैसे कई मामलों में अभी तक मीटिंग की सभी बातें निकलकर सामने नहीं आ सकी हैं। देश को इस बात की सबसे बड़ी उत्‍सुकता है कि जीएसटी काउंसिल की मीटिंग में पेट्रोल और डीजल की कीमतों पर कोई निर्णय लिया गया है या नहीं। सभी को इस बात का इंतजार है कि पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों से राहत मिलेगी या नहीं?

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