रुपए की कमजोरी बढ़ाएगी महंगाई अगर भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध के हालात बनते है तो भारतीय रुपए में और कमजोरी आ सकता है। डॉलर के मुकाबले रुपए की कीमत गिरकर 100 तक जा सकती है। अगर ऐसा होता है तो महंगाई बढ़ने का खतरा बढ़ जाएगा। क्योंकि ऐसा होने से तेल का इंपोर्ट महंगा हो जाएगा, अगर तेल महंगा होता है तो माल की ढुलाई महंगी हो जाएगी जिसका सीधा असर महंगाई पर दिखेगा। रुपए के गिरने के कारण विदेशों में पढ़ाई करने से लेकर खाने-पीने की चीजें महंगी हो जाएंगी।
विदेशी निवेश होगा प्रभावित जब भी किसी दो देशों के बीच युद्ध होता है तो वहां विदेशी निवेश प्रभावित होता है। क्योंकि विदेशी निवेश शेयर बाजार, बैंकिंग, बीमा, पेंशन आदि के माध्यम से देश में आता है। ऐसे में युद्ध की स्थिति में इसपर प्रभाव पड़ना संभव है। आपको बता दें कि बाजार दुविधा के माहौल में बिकवाली करता है। ऐसे में युद्ध के होने से विदेशी निवेश प्रभावित होता है।
हर हफ्ते 5000 करोड़ का होगा अतिरिक्त खर्च मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कारगिल युद्ध के दौरान हफ्ते के युद्ध की लागत 5000 करोड़ रुपए थी, लेकिन वर्तमान स्थिति को देखते हुए पाकिस्तान से अभी युद्ध की स्थिति में यह खर्चा 5000 करोड़ रुपये प्रतिदिन होगा। युद्ध के दो हफ्तों तक चलने पर भारत पर 2,50,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।
वित्तीय घाटे में बढ़ोत्तरी अगर दो देशों के बीच युद्ध की नौबत आती है तो इसका असर देश के वित्तीय घाटे पर भी दिखेगा। यह घाटा साल 2015-16 के 5.35 लाख करोड़ से बढ़कर 8 लाख करोड़ तक जा सकता है।
डबल डिजिट ग्रोथ का टूट जाएगा सपना अगर भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध के हालात बनते है तो दोनों देशों की इकोनॉमी एक दशक पीछे चली जाएगी। भारत जो डबल डिजिट ग्रोथ का सपना देख रहा है उसपर भी झटका लग सकता है।