नई दिल्लीPublished: Jan 21, 2019 06:04:13 pm
Saurabh Sharma
अमीरों और गरीबों के बीच बढ़ती खाई बीते साल और गहरी हो गर्इ जब मात्र 26 अरबपतियों की संपत्ति दुनिया की करीब आधी आबादी की संपत्ति के बराबर रही।
2018 में भारतीय धनकूबेरों ने हर रोज की 2,200 करोड़ रुपए कमार्इ, रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे
नर्इ दिल्ली। अमीरों और गरीबों के बीच बढ़ती खाई बीते साल और गहरी हो गर्इ जब मात्र 26 अरबपतियों की संपत्ति दुनिया की करीब आधी आबादी की संपत्ति के बराबर रही। ब्रिटेन की संस्था ऑक्सफैम की आज जारी रिपोर्ट के मुताबिक, संपत्ति का विभाजन दिन-ब-दिन बदतर होता जा रहा है। एक तरफ धनकुबेरों की संपत्ति में 12 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गर्इ तो दूसरी तरफ गरीबों की संपत्ति में 11 फीसदी की गिरावट रही। वहीं भारतीय धनकूबेरों ने एक दिन में 2200 करोड़ रुपए कमाए।
दुनिया के 2200 अरबपतियों ने कमाए रोजाना 2.500 अरब डाॅलर
वर्ष 2018 में दुनिया भर के 2,200 से अधिक अरबपतियों की संपत्ति में प्रतिदिन ढाई अरब डॉलर यानी कुल 900 अरब डॉलर से अधिक का इजाफा हुआ। वित्तीय संकट के बाद के दस साल के दौरान दुनिया भर में अरबपतियों की संख्या दोगुनी हुई और अगर वर्ष 2017 से वर्ष 2018 के बीच के आंकड़े को देखें तो हर दो दिन में एक नया अरबपति सूची में शामिल हुआ। दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति अमेजन के मालिक जेफ बेजोस की संपत्ति इस अवधि में बढ़कर 112 अरब डॉलर हो गर्इ। उनकी संपत्ति का मात्र एक फीसदी साढ़े दस करोड़ की आबादी वाले देश इथियोपिया के स्वास्थ्य बजट के बराबर है।
भारतीय धनकुबेरों ने कमाए इतने
भारतीय धनकुबेरों की संपत्ति में पिछले साल रोजाना 2,200 करोड़ रुपए की बढ़ोतरी हुई। साल 2018 में 1 फीसदी धनकुबेर 39 फीसदी अधिक अमीर हुए, जबकि वित्तीय रूप से कमजोर लोगों की संपत्ति में महज तीन फीसदी का इजाफा हुआ। ऑक्सफेम ने कहा कि 13.6 करोड़ भारतीय साल 2004 से ही कर्ज में डूबे हैं। 13.6 करोड़ की यह आबादी देश की सबसे गरीब आबादी का 10 फीसदी है। ऑक्सफेम ने कहा कि अमीरी-गरीबी के बीच यह बढ़ती खाई गरीबी के खिलाफ लड़ाई को कमजोर, अर्थव्यवस्था को बर्बाद और दुनियाभर में लोगों का गुस्सा बढ़ा रही है। रिपाेर्ट के अनुसार भारत की 10 फीसदी आबादी के पास देश की कुल संपत्ति का 77.4 फीसदी हिस्सा है। जबकि एक फीसदी लोगों के पास देश की कुल संपत्ति का 51.53 फीसदी हिस्सा है।
वर्ना बिगड़ जाएगी भारत की लोकतांत्रिक संरचना
ऑक्सफेम इंटरनेशनल की कार्यकारी निदेशक विनी ब्यानयिमा के अनुसार नैतिक रूप से यह बेहद अपमानजनक है कि मुट्ठीभर अमीर लोग भारत की संपत्ति में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाते जा रहे हैं, जबकि गरीब दो जून की रोटी और बच्चों की दवा तक के लिए संघर्ष कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि शीर्ष एक फीसदी और बाकी भारत के बीच यह असमानता बरकरार रही, तो इससे इस देश की सामाजिक और लोकतांत्रिक संरचना पूरी तरह बिगड़ जाएगी।