उन्होंने कहा कि इसके साथ ही हिमाचल प्रदेश में जल विद्युत आपूर्ति में बढोतरी तथा नेशनल ग्रिड में उपलब्धता बढ़ाने में मदद के लिए पारेषण सिस्टम उन्नयन के लिए 10.5 करोड़ डॉलर के ऋण का करार किया गया है। एडीबी बोर्ड ने वर्ष 2011 में इस परियोजना के लिए 35 करोड़ डॉलर का ऋण देने का वायदा किया था और 10.5 करोड़ डॉलर का यह करार इसी वायदे का हिस्सा है। खरे ने कहा कि इन दोनों करार के अतिरिक्त 16.9 करोड़ डॉलर का तीसरा करार भी किया गया है जो तमिलनाडु में जल एवं स्वच्छता सेवाओं के लिए है। तमिलनाडु के कम से कम 10 शहरों में हर मौसम में जलापूर्ति और जलमल निकासी इंफ्रास्ट्रक्चर विकास के लिए 50 करोड़ डॉलर के ऋण का यह पहला हिस्सा है।