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अगले तीन साल में सबसे तेज होगी भारत की ग्रोथ – वर्ल्ड बैंक

Published: Jan 07, 2016 12:57:00 pm

वर्ल्ड बैंक का कहना है कि पॉलिसी रिफ़ार्म के चलते आगे चलकर भारतीय इकनॉमी की रफ्तार बढ़ेगी

World Bank

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नई दिल्ली। वर्ल्ड बैंक का कहना है कि पॉलिसी रिफ़ार्म के चलते आगे चलकर भारतीय इकनॉमी की रफ्तार बढ़ेगी। अगले फाइनेंशियल ईयर में भारत की जीडीपी ग्रोथ 7.8 पर्सेंट तक पहुंच सकती है। वर्ल्ड बैंक के अनुमान के हिसाब से अगले तीन साल तक दुनिया के बड़े देशों में भारत की ग्रोथ सबसे तेज रहेगी।

2016 में ग्लोबल इकनॉमी की ग्रोथ बढ़कर 2.9 पर्सेट पहुंच सकती है। इससे भारत की ग्रोथ भी 8 पर्सेट तक हो जाएगी। 2015 में ग्लोबल इकनॉमिक ग्रोथ 2.4 पर्सेट रहने की उम्मीद है। वल्र्ड बैंक ने अपनी फ्लैगशिप ‘ग्लोबल इकनॉमिक प्रॉस्पेक्ट्स रिपोर्ट बुधवार को रिलीज की। इसमें मौजूदा फाइनेंशियल ईयर में भारत की ग्रोथ 7.3 पर्सेट रहने का अनुमान लगाया गया है, जो पिछले साल के बराबर है। रिपोर्ट में उन रिफ़ार्म के पास होने को लेकर आशंका जताई गई है, जिनके लिए संसद की मंजूरी जरूरी है।

रिपोर्ट के मुताबिक, ‘राज्यसभा में रूलिंग पार्टी का बहुमत नहीं है। इसलिए लेजिस्लेटिव रिफ़ार्म को लेकर पक्के तौर पर कुछ कहा नहीं जा सकता। इसमें यह भी कहा गया है कि सरकार ने एनर्जी जैसे इंपॉर्टेंट एरिया में प्रगति की है। उसने नवंबर में कई सेक्टर्स के लिए फॉरेन डायरेक्ट इनवेस्टमेंट रूल्स में ढील देने का भी जिक्र किया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि नए साल में ग्लोबल ग्रोथ पर इमर्जिंग देशों की कमजोरी इकनॉमी का साया पड़ सकता है, लेकिन इसके बावजूद वैश्विक अर्थव्यवस्था के 2.9 पर्सेंट बढऩे की उम्मीद है। 2015 में ग्लोबल इकनॉमी की ग्रोथ 2.4 पर्सेंट थी। वल्र्ड बैंक का कहना है कि ग्लोबल इकनॉमी को अमीर देशों से सपोर्ट मिल रहा है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि एक साथ कई इमर्जिंग देशों की अर्थव्यवस्था के सुस्त पडऩे से गरीबी कम करने और सामूहिक समृद्धि जैसे लक्ष्य की ओर बढऩे में दिक्कत हो सकती है। इसमें चेतावनी दी गई है कि इमर्जिंग देशों की खराब अर्थव्यवस्था के चलते डिवेलपिंग देशों पर भी बुरा असर पड़ सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इन देशों ने गरीबी कम करने के लिए जो काम किया है, उसके लिए इससे खतरा पैदा हो सकता है। वल्र्ड बैंक के ग्रुप प्रेसिडेंट जिम यॉन्ग किम ने कहा, ‘दुनिया के 40 पर्सेंट से अधिक गरीब डिवेलपिंग कंट्रीज में रहते हैं, जहां 2015 में इकनॉमिक ग्रोथ सुस्त पड़ी है। उन्हें कमजोर इकनॉमिक एनवायरमेंट के असर से गरीबों को बचाने पर ध्यान देना होगा।

रिपोर्ट के मुताबिक, 2016 में डिवेलपिंग कंट्रीज की ग्रोथ 4.8 पर्सेंट रह सकती है। यह ग्लोबल फाइनेंशियल क्राइसिस के बाद के 4.3 पर्सेंट के लो लेवल से अधिक है। चीन में आर्थिक तरक्की की रफ्तार सुस्त पडऩे की बात कही गई है, जबकि रूस और ब्राजील नए साल में मंदी की गिरफ्त में रह सकते हैं।
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