पीएमओ लेगा अंतिम फैसला
वाणिज्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “इस समय भारत की प्रतिशोधी टैरिफ के लिए अधिसूचना रद्द करने से एक गलत संकेत जाएगा और इससे भारत सरकार पर भी सवाल उठेंगे। इसलिए, इसके कार्यान्वयन की समयसीमा को और आगे बढ़ाया जा सकता है। इस मसले पर प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा ही अंतिम फैसला लिया जाएगा।
अमरीका ने भारत पर लगाया था टैरिफ
बता दें कि पिछले साल 20 जून को भारत सरकार ने एक नोटिफिकेशन जारी कर कहा था कि अमरीका से आयात होने वाले 29 उत्पादों पर टैरिफ बढ़ाया जाएगा। इन उत्पादों में बादाम, सेब, फॉस्फोरिक एसिड जैसे उत्पाद हैं, जिससे दोनो देशों के व्यापार पर 235 मिलियन डॉलर का अंतर आएगा। अमरीका ने भारत से निर्यात होने वाले एल्युमिनियम पर भी टैरिफ बढ़ाया था। अमरीका की इस कार्रवाई के बाद भारत ने अपनी प्रतिक्रिया में कोई भी टैरिफ नहीं बढ़ाया था।
भारत जीएसपी सुविधा को लेकर मांग सकता है मोहलत
हालांकि, गत 4 मार्च को अमरीका ने भारत को दिए गए जनरलाइज्ड सिस्टम प्रिफरेंस (जीएसपी) सुविधा को छीन लिया था। इसे घोषणा के 60 दिनों के बाद लागू भी कर दिया जाएगा। इसके बाद भारतीय वस्तुओं पर पहले की तुलना में अधिक टैरिफ लगेगा। वाणिज्य मंत्रालय के एक अन्य अधिकारी ने बताया कि मंत्रालय ने इस बात के लिए रूचि दिखाई थी की पीएम मोदी अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को इस संबंध में खत लिखें। पीएम मोदी इस बात का अनुरोध करें कि 60 दिनों की डेडलाइन को और 60 दिनों के लिए बढ़ाया दिया जाए। हालांकि, लोकसभा चुनाव के मद्देनजर पीएम मोदी ने ट्रेड मिनिस्टर सुरेश प्रभु को कहा है कि वो अपने अमरीकी समकक्ष को इस संबंध में खत लिखें।
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