scriptभारत का विदेशी मुद्रा भंडार इतिहास में पहली बार 500 अरब डॉलर के पार | India's foreign exchange reserve to reach USD 500 billion in Lockdown | Patrika News

भारत का विदेशी मुद्रा भंडार इतिहास में पहली बार 500 अरब डॉलर के पार

locationनई दिल्लीPublished: Jun 12, 2020 10:53:42 pm

Submitted by:

Saurabh Sharma

भारत का India Foreign Exchange 8.22 अरब डॉलर बढ़ गया और कुल भंडार 501.70 अरब डॉलर हुआ
उससे पहले 29 मार्च को खत्म हुए सप्ताह में India Foreign Exchange में 3.44 अरब डॉलर की वृद्धि दर्ज हुई थी
5 जून को समाप्त सप्ताह में Gold Reserve 32.9 करोड़ डॉलर घटकर 32.352 अरब डॉलर हुआ

India foreign exchange

India’s foreign exchange reserve to reach USD 500 billion in Lockdown

नई दिल्ली। पूरी दुनिया कोरोना वासरस महामारी ( Coronavirus Pandemic ) से त्रस्त है। बात भारत की करें तो 4 लाख मामलों के साथ भारत दुनिया में चौथे नंबर पर आ गया है। इसी बीच देश के लिए अच्छी खबर ये है कि देश का विदेशी मुद्रा भंडार ( Foreign Exchange Reserve ) 500 अरब डॉलर के पार चला गया है। खास बात तो ये है कि विदेशी मुद्रा भंडार के मामले में भारत अब दुनिया में तीसरे नंबर पर आ गया है। भारत से आगे चीन ( China ) और दूसरे नंबर पर जापान ( Japan ) है। बीते सप्ताह भारत ने रूस जैसे देश को पीछे छोड़ा था। आइए आपको भी बताते हैं कि भारत का विदेशी मुद्रा भंडार बीते सप्ताह के मुकाबले कितना बढ़ा? वहीं भारत में विदेशी मुद्रा संपत्ति ( Foreign Exchange Assets ) की क्या स्थिति है। साथ ही गोल्ड रिजर्व ( India Gold Reserve ) भारत के कितना हो गया है?

जुलाई में होगी GST Collection और State Compensation Cess पर Council की बैठक

भारत का विदेशी मुद्रा भंडार रिकॉर्ड लेवल पर
– भारत का विदेशी मुद्रा भंडार इतिहास में पहली बार 500 अरब डॉलर के पार गया।
– 5 जून को समाप्त हुए सप्ताह में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 8.22 अरब डॉलर बढ़ा।
– कुल भंडार 501.70 अरब डॉलर का हुआ।
– 29 मार्च को खत्म हुए सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार में 3.44 अरब डॉलर की वृद्धि हुई थी।
– तब कुल 493.48 अरब डॉलर का भंडार हो गया था।
– यह 5 जून को समाप्त हुए सप्ताह में 8.42 अरब डॉलर बढ़कर 463.63 अरब डॉलर पर पहुंची विदेशी मुद्रा संपत्ति।
– 5 जून को समाप्त सप्ताह में सोने का भंडार 32.9 करोड़ डॉलर घटकर 32.352 अरब डॉलर हुआ।
– भारत का अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से विशेष निकासी अधिकार 1 करोड़ अमरीकी डॉलर बढ़कर 1.44 अरब डॉलर हुआ।
– आईएमएफ में भारत का रिजर्व पॉजिशन भी 12 करोड़ डॉलर बढ़कर 4.28 अरब डॉलर हुआ।

Coronavirus के बीच बड़ी कामयाबी, अब देश में हो पाएगी हींग की खेती

इन कारणों से बढ़ा विदेशी मुद्रा भंडार
सवाल ये है कि आखिर देश के लॉकडाउन में विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ा कैसे? जब इस बारे में ऐनालिसिस किया गया तो समझ आया कि लॉकडाउन के बीच भारत का क्रूड ऑयल इंपोर्ट बिल ( Crude Oil Import Bill ), गोल्ड इंपोर्ट बिल ( Gold Import Bill ), इडिबल इंपोर्ट बिल ( Edible Oil Import Bill ) मई और जून के महीने में विदेशी निवेशकों का भारत में रुझान और सबसे अहम बीते 6 हफ्तों में रिलायंस की विदेशियों कंपनियों के साथ करीब एक लाख करोड़ रुपए की डील जैसे कारण रहे जिन्होंने भारत के विदेशी मुद्रा भंडार को सपोर्ट किया।

1. भारत का कम हुआ क्रूड ऑयल इंपोर्ट बिल
कोरोना वायरस लॉकडाउन के दौरान भारत सहित पूरी दुनिया में क्रूड ऑयल की खपत कम हुई, जिसकी वजह से लॉकडाउन के क्रूड ऑयल के दाम औसतन 30 डॉलर प्रति बैरल के आसपास रहे। जिसकी वजह से भारत का क्रूड ऑयल इंपोर्ट बिल काफी कम हो गया। जानकारों की मानें तो जब क्रूड ऑयल के दाम में एक डॉलर कम होता है तो भारत के क्रूड ऑयल इंपोर्ट बिल में 2900 करोड़ रुपए की कटौती हो जाती है। इस दौरान क्रूड ऑयल के दाम औसतन 50 फीसदी से ज्यादा कम हुए। ऑयल मिनिस्ट्री के प्लानिंग एंड एनालिसिस सेल की रिपोर्ट की मानें तो भारत का इस साल का ऑयल इंपोर्ट बिल आधा रह सकता है।

Coronavirus की दहशत के बीच सस्ता हुआ Gold और Silver, जानिए New York से New Delhi तक कितनी आई गिरावट

2. गोल्ड इंपोर्ट बिल में भी गिरावट
यह बात किसी से छिपी नहीं कि भारत दुनिया में सोने का सबसे बड़े आयातक देशों में से एक है। इसके लिए भारत करोड़ों की विदेशी मुद्रा भंडार खर्च करता हैख् लेकिन कोरोना वायरस लॉकडाउन के कारण सोने के दाम में इजाफा, गोल्ड ज्वेलरी की डिमांड कम होना और गोल्ड इंवेस्टमेंट कम होने से भारत ने कम आयात किया। अंाकड़ों की मानें तो अप्रैल के महीने में भारत का गोल्ड इंपोर्ट 50 किलो था, जबकि पिछले साल समान महीने में 101 टन से ज्यादा था। अगर मूल्य के रूप में देखें तो अप्रैल में 2ङ84 मीलियन डॉलर पर था जो पिछले साल 3.97 बीलियन डॉलर पर रहा था।

निचले स्तर से 1400 अंक उछलकर बंद हुआ Sensex, Nifty 9973 अंकों पर रुका

3. इडिबल ऑयल इंपोर्ट हुआ कम
वहीं भारत सिर्फ क्रूड ऑयल और सोने का ही बाहर से आयात नहीं करता है, बल्कि खाने का तेल, जिसे इडिबल ऑयल करते हैं उसका इंपोर्ट भी काफी होता है। लेकिन बीते पांच महीने से भारत द्वारा इसका आयात काफी कम कर रहा है। पहला कारण तो भारत सरकार द्वारा इस पर लगातार इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ा रहा है। वहीं लॉकडाउन के कारण भारत बाहर के देशों से कुछ नहीं मंगा रहा है। रिपोर्ट के अनुसार मार्च 2020 में इडिबल ऑयल इंपोर्ट में 32 फीसदी से ज्यादा की गिरावट देखने को मिली थी। जिसकी वजह से भी भारत के विदेशी मुद्रा भंडार की बचत हुई है।

सरकार ने दूर की Pensioners की परेशानी, अब CSC पर Oline जमा करा सकेंगे Life Certificate

4. विदेशी निवेशकों का बढ़ा रुझान
वहीं दूसरी ओर बीते 40 दिनों में विदेशी निवेशकों का रुझान भारतीय शेयर बाजार में बढ़ा है। पहले बात मई की करें तो निवेशकों का 14,500 करोड़ रुपए भारतीय बाजारों में लगा। जिसने भारत के विदेशी मुद्रा भंडार को बढ़ाने का प्रयास किया। वहीं दूसरी ओर जून के महीने में अब तक विदेशी निवेशकों का 22 हजार करोड़ रुपया लग चुका है। जिसने भारत के विदेशी मुद्रा भंडार को बढ़ाने का प्रयास किया है।

GST Council 40th Meeting : छोटे कारोबारियों को बड़ी राहत, नहीं देनी होगी लेट फीस

5. रिलायंस जियो डील भी बना अहम कारण
भारत के विदेशी मुद्रा भंडार को बढ़ाने में अहम योगदान जियो प्लेटफॉम्र्स का भी रहा है। बीते 7 हफ्तों में जियो प्लेटफॉर्म की करीब 22 फीसदी से ज्यादा की हिस्सेदारी फेसबुक, सिल्वर लेक, केकेआर अटलांटिक, मुबाडला, विस्टा जैसी बड़ी कंपनियों ने खरीदे। जिसकी एवज में विदेशी मुद्रा के रूप में भारतीय रुपए के बराबर देश में करीब एक लाख करोड़ रुपए आए। जानकारों का कहना है कि यह भी एक बड़ी वजह है जिससे देश का विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ा है।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो