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कच्चे तेल की कीमत में 10 डॉलर प्रति बैरल की बढ़ोतरी से भारत में इतनी बढ़ती है महंगाई

locationनई दिल्लीPublished: Feb 13, 2019 10:36:48 am

Submitted by:

Dimple Alawadhi

कच्चा तेल यानी क्रूड ऑयल भारत के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कारक है। एक साल में भारत के कुल आयात का लगभग 25 फीसदी आयात क्रूड ऑयल का होता है, जो देश की 80 फीसदी ऊर्जा की जरूरत को पूरा करता है।

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कच्चे तेल की कीमत में 10 डॉलर प्रति बैरल की बढ़ोतरी से भारत में इतनी बढ़ती है महंगाई

नई दिल्ली। कच्चा तेल यानी क्रूड ऑयल भारत के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कारक है। एक साल में भारत के कुल आयात का लगभग 25 फीसदी आयात क्रूड ऑयल का होता है, जो देश की 80 फीसदी ऊर्जा की जरूरत को पूरा करता है। कच्चे तेल के दामों में जो उतार-चढ़ाव होते हैं, उससे भारत की महंगाई पर सीधा असर पड़ता है। आपको बता दें कि कच्चे तेल की कीमतों में 10 डॉलर प्रति बैरल की बढ़ोतरी से महंगाई में लगभग 49 आधार अंकों की वृद्धि होती है। इसका मतलब इससे भारत के राजकोषीय घाटे में 43 बीपीएस की वृद्धि होगी। 43 बीपीएस जीडीपी के फीसदी के रूप में है। ऐसा कहना है भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा किए गए हालिया अध्ययन का।


कच्चे तेल के दाम से भारत में पढ़ता है ये असर

नवंबर 2018 में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट देखने को मिली थी। लेकिन इसके बाद से ही ओपेक प्रोडक्शन मे कटौती के कारण और अमरीका और चीन के ट्रेड वॉर के कारण तेल के दामों में उतार-चढ़ाव होते आए है। आरबीआई के तहत सौरभ घोष और शेखर तोमर ने एक अध्ययन किया, जिससे पता चला कि कच्चे तेल की कीमत जितनी ज्यादा होगी, भारत का घाटा उतना बढ़ता जाएगा। कच्चे तेल की कीमत का सीधा असर चालू खाता घाटा (सीएडी) पर पड़ता है। इसके साथ ही क्रूड ऑयल भारत की सकल अर्थव्यवस्था के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण है। कच्चे तेल का दाम जितना बढ़ेगा, भारत की घरेलू महंगाई में भी उतनी वृद्धि होगी।


तेल पर सरकार ऐसे लगाती है शुल्क

इसके साथ ही आरबीआई के अध्ययन के माध्यम से चेतावनी दी गई कि भारतीय अर्थव्यवस्था के कारण सीएडी में तेज वृद्धि हो सकती है और जीडीपी की वृद्धि में भी गिरावट हो सकती है। वित्त मंत्री पीयूष गोयल द्वारा पेश किए गए अंतरिम बजट 2019 में राजकोषीय घाटे का लक्ष्य 3.4 फीसदी निर्धारित किया गया था। पिछले कुछ समय में क्रूड की कम कीमतों ने सरकार को पेट्रोल और डीजल पर अधिक उत्पाद शुल्क लगाने में सक्षम बनाया है। कच्चे तेल की बढ़ी हुई कीमतों की वजह से सरकार कम उत्पाद शुल्क लगाती है।


पेट्रोटेक 2019 सम्मेलन में मोदी ने दिया ये विकल्प

पेट्रोटेक 2019 सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि, ‘उत्पादक और ग्राहकों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए हमें जिम्मेदार मूल्य निर्धारण की ओर बढ़ने की जरूरत है।’ उन्होंने कहा कि विकास के लिए हमें वैकल्पिक क्लीनर और सोलर का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करना चाहिए।

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