दुनिया की तीन बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में होगी प्रतिस्पर्धा
जेटली ने कहा, “जब हम अमरीका और चीन के साथ दुनिया की तीन सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में शामिल होंगे, तब निश्चित तौर पर हम तीन बड़ी अर्थव्यवस्थायें ऐसी प्रतिस्पर्धा में होंगे जहां हर कोई एक दूसरे से आगे निकलने की कोशिश कर रहा होगा। कुल मिलाकर अर्थव्यवस्था का आकार और अवसर बढऩे वाले हैं।” अगले 20 साल के दौरान आर्थिक वृद्धि के अग्रणी क्षेत्रों का जिक्र करते हुये उन्होंने कहा कि बुनियादी संरचना का सृजन, ग्रामीण क्षेत्र का विस्तार और लैंगिक समानता सहित अन्य चीजें इसमें शामिल होंगी।
गरीबी रेखा से जीवनयापन करने वाली आबादी में आएगी कमी
जेटली ने कहा कि 2011 की जनगणना के आधार पर देश की 21.90 प्रतिशत आबादी गरीबी रेखा के नीचे गुजर-बसर कर रही थी। वृद्धि की मौजूदा दर के आधार पर गणना करें तो यह अनुपात और कम होकर 17 प्रतिशत पर आ गया होगा। यह 2021 तक और कम होकर 15 प्रतिशत पर तथा 2024-25 तक 10 प्रतिशत से भी नीचे आ जाएगा। वित्तमंत्री ने एक अध्ययन का हवाला देते हुए कहा कि इसी के साथ देश में मध्यम वर्ग की आबादी 2015 के 29 प्रतिशत से बढ़कर 44 प्रतिशत पर पहुंच जाएगी।
2024 तक बढ़ेगी मध्यमवर्ग की आबादी
उन्होंने कहा, “इस कारण जब आप आगे देखते हैं तो आपको गरीबी समाप्त होती दिखायी देगी, आपको मध्यम वर्ग की शानदार वृद्धि दिखाई देगी और संभवत: 2030 तक देश की आधी आबादी मध्यम वर्ग की श्रेणी में होगी।” उन्होंने कहा कि यदि आंकड़ों पर गौर किया जाये तो जब 2024 में लोकसभा चुनाव होंगे तब देश में मध्यम वर्ग की आबादी गरीबी रेखा के नीचे के रह गये लोगों के मुकाबले चार गुणा अधिक होगी और तब यह देखने की बात होगी कि सामाजिक संवाद क्या होगा। जनता के बीच किस तरह की चर्चा होगी।
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