नौकरियों का अवसर मुहैया कराना सबसे बड़ी चुनौती
भारतीय अर्थव्यवस्था में यह तेजी कंज्म्पशन पर आधारित है जिससे पर्याप्त संख्या में नौकरियों के अवसर नहीं मिलते हैं। उन्होंने आगे कहा कि फिलहाल भारत को नौकरियां पैदा करने की सख्त जरूरत हैं नहीं तो आर्थिक तेजी का कोर्इ मतलब नहीं होगा। राजन ने सरकार को सलात देते हुए लहजे में कहा कि मैक्रोस्टेबिलीट पर अधिक ध्यान केंद्रित करना चाहिए। यह नौकरियों के लिए सबसे अधिक बेहतर है।
आम लोगों को हुआ है फायदा
एक न्यूज एजेंसी ने भी अपनी रिपोर्ट में राजन के हवाले से लिखा है कि किफायती तकनीक आैर बढ़ते बिजनेस स्केल में तेजी से भारतीय ग्राहकों को फायदा हो रहा है। लेकिन इस बीच सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या ये सिलसिला आगे भी जारी रहेगा। बिजनेस स्केल से लोगों को भरपूर फायदा मिलता है। ग्राहकों के किफायती दाम में बेहतर सुविधाएं मिलती हैं।
वैश्विक स्तर पर आम लोगों की नजर
इस दौरान, विश्व आर्थिक मंच ने ग्लोबल रिस्क रिपोर्ट में वैश्विक रिस्क फैक्टर आैर चुनौतियों के आधार पर लोगों में एक सर्वे किया है। सर्वे के नतीजो से पता चला है कि यह दोनों फैक्टर बड़ी भूमिका अदा करते हैं। इससे खुलासा हुआ है कि 9 प्रमुख आर्थिक रिस्क फैक्टर्स से वैश्विक स्तर पर लोग प्रभावित होते हैं।
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