नई दिल्लीPublished: Jun 14, 2018 02:29:29 pm
Saurabh Sharma
पेट्रोल-डीजल और सब्जियों की कीमतों में भारी उछाल की वजह से थोक मूल्य आधार पर महंगाई दर (डब्ल्यूपीआर्इ) मई में एक साल की सर्वाधिक ऊंचाई पर 4.44 फीसदी रही।
देश में एक साल में महंगार्इ दर ने लगार्इ दोगुना छलांग
नर्इ दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का देश को किया एक आैर दावा झूठा साबित होता जा रहा है। वह देश से महंगार्इ को कम करने में नाकामयाब साबित हो रहे हैं। पिछले एक साल में महंगार्इ दर ने लंबी छलांग लगा ली है। ताज्जुब की बात तो से है कि मर्इ 2017 के मुकाबले में देश में महंगार्इ दर दोगुनी रफ्तार से बढ़ी है। आने वाले देश के चुनावों से पहले यह आंकड़े पीएम मोदी आैर उनकी पार्टी बीजेपी के लिए अच्छे संकेत नहीं है। आइए आंकड़ों के जरिये जानने का प्रयास करते हैं कि महंगार्इ दर कहांं तक पहुंच चुकी है?
एक साल दोगुनी हुर्इ महंगार्इ दर
पेट्रोल-डीजल और सब्जियों की कीमतों में भारी उछाल की वजह से थोक मूल्य आधार पर महंगाई दर (डब्ल्यूपीआर्इ) मई में एक साल की सर्वाधिक ऊंचाई पर 4.44 फीसदी रही। अप्रैल में यह 3.18 फीसदी और पिछले साल मई में 2.26 फीसदी थी। सरकार की ओर से गुरुवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, खाद्य मुद्रास्फीति की दर अप्रैल की तुलना में 0.87 फीसदी से बढ़कर 1.60 फीसदी हो गई। सब्जियों की महंगाई दर 2.51 फीसदी रही, जबकि इससे पहले महीने में यह (-)0.89 फीसदी थी।
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सब्जियों आैर फलों के बढ़े दाम
वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में उछाल की वजह से फ्यूल और पावर बास्केट में मुद्रास्फीति अप्रैल के 7.85 फीसदी से लंबी छलांग लगाकर मई में 11.22 फीसदी हो गई। इस दौरान आलू की मंहगाई अप्रैल के 67.94 फीसदी से बढ़कर मई में 81.93 फीसदी पर पहुंच गई। आलोच्य माह के दौरान फलों के दाम 15.40 प्रतिशत बढ़े जबकि दालों के भाव 21.13 प्रतिशत गिरे।
मुद्रास्फीति भी बढ़ी
मार्च की डब्ल्यूपीआई आधारित मुद्रास्फीति को भी 2.47 फीसदी के प्रारंभिक पूर्वानुमान से बढ़ाकर 2.74 फीसदी कर दिया गया। इससे पहले इसी सप्ताह जारी आंकड़े में खुदरा महंगाई भी मई माह में बढ़कर चार महीने के उच्चतम स्तर 4.87 फीसदी पर पहुंच गई थी।