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खाद्य महंगाई में इजाफा होने की संभावना
मौद्रिक समीक्षा बैठक के फैसलों की घोषणा करते हुए दास ने कहा कि रबी फसलों की बंपर पैदावार होने और खासतौर से सरकारी खरीद ज्यादा होने के कारण खुले बाजार की बिक्री और सार्वजनिक वितरण में वृद्धि से खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर अनुकूल रह सकती है। फिर भी खाद्य वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि की संभावना बनी रहेगी।
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खुदरा महंगाई दर ज्यादा
एमपीसी के नीतिगत ब्याज रेपो दरों को बरकरार रखने की सहमति जताने से आने वाले दिनों में रेपो रेट में और कटौती की संभावना बनी हुई है। खुदरा महंगाई दर ऊंची होने की वजह से एमपीसी ने प्रमुख महंगाई दर यानी रेपो रेट को स्थिर रहने का फैसला लिया। केंद्रीय बैंक ने आर्थिक विकासपरक अपने समायोजी रुख बरकरार रखते हुए रेपो रेट चार फीसदी पर स्थिर रखा और रिवर्स रेपो रेट 3.35 फीसदी में भी कोई फेरबदल नहीं किया।
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मौजूदा समय में महंगाई दर
यह उम्मीद की जा रही थी कि एमपीसी रेपो रेट को स्थिर रखेगी क्योंकि हालिया आंड़कों से महंगाई दर बढऩे के संकेत मिले। जून में खुदरा महंगाई दर 6.09 फीसदी रही। जबकि जुलाई के आंकड़े आने बाकी हैं। उसके बाद सितंबर में महंगाई दर अपने चरम पर होगी। आंकड़ों के अनुसार, खुदरा महंगाई दर चार फीसदी लक्ष्य के ऊपरी सीमा तक पहुंच गई। महंगाई दर का लक्ष्य दो फीसदी कमी या वृद्धि के साथ चार फीसदी रखी गई है।