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September तक कम नहीं होगा Inflation, जानिए क्या कह गए RBI Governor

locationनई दिल्लीPublished: Aug 07, 2020 09:07:26 am

Submitted by:

Saurabh Sharma

RBI Governor के अनुसार वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में उच्च स्तर पर रह सकती है महंगाई
Supply Chain बाधित रहने से खाद्य एवं दूसरी वस्तुओं पर देखने को मिलेगी महंगाई

Inflation Rate

Inflation will not reduce till September, know what RBI governor said

नई दिल्ली। देश में सितंबर तक महंगाई ( Inflation ) जारी रहेगी। यह बात हम नहीं बल्कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर ( Reserve Bank of India Governor Shaktikant Das ) की ओर से कहा गया है। मौद्रिक समीक्षा की बैठक के दौरान उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में महंगाई दर ( Inflation Rate ) ऊंचे स्तर पर रह सकती है, लेकिन अनुकूल बेस इफेक्ट के चलते वित्त वर्ष की दूसरी छमाही के दौरान महंगाई दर में नरमी आ सकती है। गवर्नर ने कहा कि मौद्रिक नीति समिति ( RBI MPC ) का मानना है कि कोरोना वारयरस महामारी ( Coronavirus Pandemic ) के कारण सप्लाई चेन ( Supply Chain ) बाधित रहेगी और इसका असर खाद्य व अखाद्य दोनों प्रकार की वस्तुओं पर देखा रहेगा।

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खाद्य महंगाई में इजाफा होने की संभावना
मौद्रिक समीक्षा बैठक के फैसलों की घोषणा करते हुए दास ने कहा कि रबी फसलों की बंपर पैदावार होने और खासतौर से सरकारी खरीद ज्यादा होने के कारण खुले बाजार की बिक्री और सार्वजनिक वितरण में वृद्धि से खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर अनुकूल रह सकती है। फिर भी खाद्य वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि की संभावना बनी रहेगी।

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खुदरा महंगाई दर ज्यादा
एमपीसी के नीतिगत ब्याज रेपो दरों को बरकरार रखने की सहमति जताने से आने वाले दिनों में रेपो रेट में और कटौती की संभावना बनी हुई है। खुदरा महंगाई दर ऊंची होने की वजह से एमपीसी ने प्रमुख महंगाई दर यानी रेपो रेट को स्थिर रहने का फैसला लिया। केंद्रीय बैंक ने आर्थिक विकासपरक अपने समायोजी रुख बरकरार रखते हुए रेपो रेट चार फीसदी पर स्थिर रखा और रिवर्स रेपो रेट 3.35 फीसदी में भी कोई फेरबदल नहीं किया।

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मौजूदा समय में महंगाई दर
यह उम्मीद की जा रही थी कि एमपीसी रेपो रेट को स्थिर रखेगी क्योंकि हालिया आंड़कों से महंगाई दर बढऩे के संकेत मिले। जून में खुदरा महंगाई दर 6.09 फीसदी रही। जबकि जुलाई के आंकड़े आने बाकी हैं। उसके बाद सितंबर में महंगाई दर अपने चरम पर होगी। आंकड़ों के अनुसार, खुदरा महंगाई दर चार फीसदी लक्ष्य के ऊपरी सीमा तक पहुंच गई। महंगाई दर का लक्ष्य दो फीसदी कमी या वृद्धि के साथ चार फीसदी रखी गई है।

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