2009 में आई थी नैनो नैनो को साल 2009 में लाया गया था। इस कार को लाने का मकसद न सिर्फ मिडील क्लास के कार के सपने को पूरा करना था। बल्कि ये कार टाटा ग्रुप के चेयरमैन रतन टाटा का ड्रीम प्रोजेक्ट थी। शुरूआत में तो जैसे इस कार के आने से तहलका मच गया था। लोगो ने इस कार को बेहद पंसद किया था। लोगो ने इस कार को जम कर खरीदा। 2015 में इसका अपडेटेड GenXभी लाया गया। इस अपडेटेड वर्जन में काफी बदलाव किये गये जैसे की ऑटोमेटिक मैनुअल ट्रांसमिशन फीचर लेकिन इसका कोई फायदा नहीं हुआ ये लोगो को लुभाने में पूरी तरह से नाकाम रही। फिर इस कार की ब्रिकी ठप पड़ गई।
हर साल कम हुई नैनो कि ब्रिकी हाल ही में आई एक रिपोर्ट के आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल अप्रैल से दिसंबर के बीच नैनो के निर्यात में 75 फीसदी की गिरावट रही है। इस दौरान केवल 1708 कारें ही निर्यात की गई जबकि एक साल पहले यानी 2016 में यह आंकड़ा 6714 कार था। जनवरी 2018 के बाद से एक भी कार विदेश नहीं भेजी गई है। नैनो की अब तक की सबसे अच्छी सेल 2012 में दर्ज की गई थी। इस साल कंपनी ने सबसे ज्यादा 74,524 यूनिट्स बेची थी। इसके बाद नैनो की सेल में लगातार गिरावट देखी गई।