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नोटबंदी के फैसले में निभा चुके हैं अहम भूमिका
शक्तिकांत दास मोदी सरकार के गुडबुक में रहने वाले उन अधिकारियों में से एक हैं जिन्हें कामकाज का बड़ा समर्थक माना जाता है। पटेल द्वारा अचानक दिए गए इस्तीफे आैर दास की नियुक्ति को लेकर माना जा रहा है कि अब सरकार कर्इ तरह के अहम फैसलों में आरबीआर्इ का समर्थन आसानी से पा सकेगी। बता दें कि कुछ समय से आरबीआर्इ आैर सरकार के बीच कैश रिजर्व आैर स्वायत्तता जैसे मसलों में मतभेद चल रहा है। एेसे में मोदी सरकार द्वारा इन फैसलों को लेकर आरबीआर्इ से मुहर लगवाना अब आसान हो गया है। शक्तिकांत दास बहुत समय से केंद्र सरकार को आर्थिक मोर्चे पर अपनी सेवाएं देते आ रहे हैं। दास उन अधिकारियों में से हैं जिन्होंने मोदी सरकार द्वारा लिए गए किसी भी फैसलों में सवाल खड़े नहीं किए हैं। दास उन अधिकारियों में से हैं जिन्होंने नवंबर 2016 में नोटबंदी लागू करने में भूमिका निभार्इ थी।
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केंद्र सरकार में इन अहम पदों पर कर चुके हैं काम
दास को पीएम मोदी की गुडबुक में क्यों हैं, इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि ब्यूनस आयर्स में दो दिनों तक चलने वाले G-20 सम्मेलन भी गए थे। इस बैठक में दास, भारत की तरफ से शेरपा की भूमिका में गए थे। जानकारी के लिए बता दें कि शेरपा उस अधिकारी को कहते हैं, जो सरकार या सरकार के मुखिया की आेर से दूसरों देशों से बातचीत करता है। इसके पहले दास आर्थिक मामलों के सचिव, राजस्व सचिव आैर उर्वरक सचिव के तौर पर भी केंद्र सरकार को अपनी सेवांए दे चुके हैं। यही कारण है सरकार को उनपर आरबीआर्इ के अगले गवर्नर के रूप में भरोसा है।
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कैसा रहा है दास का शुरुआती करियर
शक्तिकांत दास का जन्म 26 फरवरी 1957 को आेडिशा में हुआ था। उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ार्इ-लिखार्इ भुवनेश्वर के डीएम स्कूल से की है जिसके बाद वो आगे की पढ़ार्इ के लिए दिल्ली आ गए। दिल्ली में उनहोंने सेंट स्टीफंस काॅलेज से इतिहास में एमए किया जिसके बाद वो सिविल सेवा की तैयारी में जुट गए। 1980 में आर्इएएस में चयन होने के बाद उन्हें तमिलनाडु कैडर अलाॅट हुआ। वहां पर दास ने उद्योग सचिव, तमिलनाडु न्यूज प्रिंट एंड पेपर्स लिमिटेड के चेयरमैन आैर निदेशक के तौर पर अपने करियर की शुरुआत की। इसके बाद वो राज्य सरकार के साथ कर्इ पदों पर काम किए। शक्तिकांत दास एलआर्इसी आैर इंडियन बैंक में निदेशक भी रहे हैं। करीब 37 साल तक आर्इएएस के तौर पर काम करने के बाद पिछले साल ही फरवरी में ही वो रिटायर हुए थे।
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