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र्इशा अंबानी की शादी से आपको होगा ये बड़ा फायदा, जानिए कैसे

locationनई दिल्लीPublished: Dec 17, 2018 11:45:58 am

Submitted by:

Ashutosh Verma

आरअार्इएल की सब्सिडियरी कंपनियों में रिलायंस जियो , रिलायंस पेट्रोलियम, नेटवर्क 18 अौर रिलायंस रिटेल जैसे बड़े ब्रांड्स हैं।

Isha Ambani Wedding

र्इशा अंबानी की शादी से आपको होगा ये बड़ा फायदा, जानिए कैसे

नर्इ दिल्ली। एशिया के सबसे अमीर शख्स मुकेश अंबानी की इकलौती बेटी र्इशा अंबानी की शादी आनंद पीरामल से बीते 12 दिसंबर को हो चुकी है। ये शादी कर्इ मामलों में चर्चा में रही। जैसे- शादी में हुए खर्चों से लेकर देश-विदेश की कर्इ बड़ी हस्तियों ने इस शादी में शिरकत की। र्इशा आैर आनंद का प्री-वेडिंग सेरेमनी उदयपुर में हुआ जबकि शादी मुंबर्इ के एंटीलिया में हुआ। मुकेश अंबानी एक तरफ जहां भारत ही नहीं बल्कि एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति हैं वहीं दूसरी तरफ पीरामल समूह के मालिक अजय पीरामल देश के बड़े कारोबारियों में से एक हैं।


क्या है अंबानी आैर पीरामल की कंपनियों का बाजार पूंजीकरण

मुकेश अंबानी रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन हैं जबकि अजय पीरामल श्रीराम कैपिटल के चेयरमैन। मौजूदा समय में आरआर्इएल का मार्केट कैप करीब 7.1 लाख करोड़ रुपए का है। कंपनी का कुल रेवेन्यू 4.31 लाख करोड़ रुपए का है। आरअार्इएल की सब्सिडियरी कंपनियों में रिलायंस जियो , रिलायंस पेट्रोलियम, नेटवर्क 18 अौर रिलायंस रिटेल जैसे बड़े ब्रांड्स हैं। पीरामल एंटरप्राइज का कुल मार्केट कैप 38,242 करोड़ रुपए का है। पीरामल ग्रुप का कुल वैल्युएशन 70 हजार करोड़ रुपए से अधिक का है।


कैसे मिल सकता है आम आदमी को फायदा

अब अारआर्इएल आैर पीरामल ग्रुप अपने कर्इ कारोबारी फैसले एक दूसरे के हित को ध्यान में रखते हुए लेंगे। एेसे में दूसरी कंपनियों के प्रतिस्पर्धा बढ़ सकती है। मुकेश अंबानी की आरआर्इएल दुनिया की जानी मानी कंपनियों में से एक है आैर अपने सेक्टर्स में बाजार में उनका वर्चस्व है। एेसे में इनकी फैसले से न सिर्फ प्रतिस्पर्धी कंपनियों पर असर पड़ेगा बल्कि बाजार में भी खासा असर देखने को मिल सकता है। इसका सबसे बेहतर उदाहरण रिलायंस जियो है। जियो के लाॅन्च होने के बाद से ही देश की कर्इ बड़ी टेलिकाॅम कंपनियों के राजस्व में कमी दर्ज की गर्इ। जियो के बाद भारतीय टेलिकाॅम बाजार से भारती एयरटेल का वर्चस्व खत्म हुआ। साथ ही आइडिया आैर वोडाफोन का विलय हुआ। पीरामल खानदान से रिश्ता जुड़ने के बाद अब रियल एस्टेट, फार्मा आैर फाइनेंस जैसे कर्इ सेक्टर्स को लेकर मुकेश अंबानी को चुनौतीपूर्ण फैसले लेने पड़ सकते हैं। एेसे में भारतीय अर्थव्यवस्था पर इस साकारात्मक असर देखने को मिल सकता है। हालांकि, इससे दूसरी प्रतिस्पर्धी कंपनियों को नुकसान उठाना पड़ सकता है।
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