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केजरीवाल की सत्ता वापसी का ‘MADSPPA’ फैक्टर, इनके बिना मुश्किल थी जीत

locationनई दिल्लीPublished: Feb 11, 2020 02:36:49 pm

Submitted by:

manish ranjan

आइए जानते है क्या है MADSPPA फैक्टर और कैसे इनकी रणनिति से एकबार फिर अरविंद केजरीवाल को सत्ता के करीब पहुंचा दिया है।

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AAP Important Members

नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव के रुझानों में आम आदमी पार्टी एक बार फिर सत्ता वापसी करती दिख रही है। रुझानों में अरविंद केजरीवाल की टीम 57 सीटों पर आगे है तो वही भारतीय जनता पार्टी महज 13 सीटो पर आगे है। जबकि कांग्रेस अपना खाता भी नही खोल पाई है। रुझानों में जिस तरह आम आदमी पार्टी को प्रचंड बहुमत मिल रहा है उससे साफ हो गया है कि दिल्ली की जनता ने राष्ट्रीय मुद्दे नही बल्कि स्थानीय मुद्दों को तवज्जों दी है। लेकिन क्या आपको पता है कि आम आदमी पार्टी की इस प्रचंड जीत में केजरीवाल के MADSPPA फैक्टर का बहुत बड़ा योगदान है। आइए जानते है क्या है MADSPPA फैक्टर और कैसे इनकी रणनिति से एकबार फिर अरविंद केजरीवाल को सत्ता के करीब पहुंचा दिया है।
केजरी का MADSPPA फैक्टर

अरविंद केजरीवाल की टीम में यूं तो हजारो कार्यकर्ताओँ ने अपनी ताकत झोंक दी, लेकिन हम जिस MADSPPA फैक्टर की बात कर रहे हैं वो है केजरीवाल टीम के 6 अहम लोग जिनके बल पर आम आदमी पार्टी ने दोबारा अपना परचम लहरा दिया है। MADSPPA यानी मनीष सिसोदिया, अमानतुल्ला खान, दुर्गेश पाठक, संजय सिंह, प्रशांत किशोर, पकंज गुप्ता और खुद केजरीवाल हैं। केजरीवाल टीम के ये 6 ऐसे चेहरे हैं जिन्होने बिना कोई शोर शराबा किए ऐसी रणनीति तैयार की जिसका रिजल्ट आज सब देख रहे हैं।
मनीष सिसोदिया की रणनीति के कायल है केजरीवाल

दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया को अरविंद केजरीवाल का मास्टरमाइंड कहा जाता है। मोहल्ला क्लिनिक हो या फिर सरकारी स्कूलों की स्थिति में बदलाव। मनीष सिसोदिया ने अपने मास्टरमाइंड से इन वोटरों के बीच एक खास जगह बनाई।
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वोटरों को लामबंद करने में अमानतुल्ला की अहम भूमिका

आम आदमी पार्टी के अमानतुल्ला खान मुस्लिम बहुल ओखला से विधायक हैं और वहीं से चुनाव लड़ रहे हैं। ओखला इलाके के ही शाहीन बाग में पिछले करीब दो महीने से सीएए और एनआरसी के खिलाफ सड़क पर धरना और प्रदर्शन चल रहा है। अमानतुल्ला ने शहानीबाग से दिल्ली चुनाव में वोटरों को लामबंद करने में बड़ी भूमिका निभाई है।
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बनारस से पंजाब, दिल्ली तक दुर्गैश पाठक का साथ

गोरखपुर के रहने वाले दुर्गेश पाठक आम आदमी का ऐसा चेहरा है जो हमेशा पर्दे के पीछे रहा है। लेकिन चाहे लोकसभा चुनाव में केजरीवाल को बनारस की रणनीति तैयार करानी हो या पंजाब में आम आदमी पार्टी की नींव जमानी हो। हर जगह दुर्गेश अरविंद केजरीवाल के साथ खड़े दिखे।
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विपक्ष को काउंटकर करने के मास्टर संजय सिंह

संजय सिंह आम आदमी पार्टी में एक ऐसा नाम है जो किसी परिचय का मोहताज नही है। चाहे टिकट बंटवारा हो या चुनाव प्रचार करने और मीडिया में विपक्ष का काउंटर करने की जिम्मेदारी हो। हर जगह संजय ने अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभाई। इसके अलावा पूर्वांचली वोटरों को आप के लिए लामबंद करने का जिन्ना भी संजय सिंह के कंधों पर था। इसीलिए पार्टी ने इन्हें चुनाव प्रचार अभियान के चेहरा बनाया।
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लगे रहो प्रशांत किशोर

लगे रहो केजरीवाल, दिल्ली में तो केजरीवाल’ जैसे नारे या पोस्टर आपने दिल्ली में खूब देखे होंगे। ये सब चुनावी रणनीति बनाने में मास्टर कहे जाने वाले प्रशांत किशोर की देन है। किशोर के कहने पर ही केजरीवाल संवेदनशील मुद्दों पर टिप्पनी नही करते। तो वही बिजली-पानी, शिक्षा-चिकित्सा को इनके कहने पर ही चुनावी मुद्दा बनाया गया।
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40 लाख की नौकरी छोड़ पकंज गुप्ता ने दिलाई जीत

40 लाख रुपए सैलरी की मल्टीनेशनल कंपनी की नौकरी छोड़ पंकज गुप्ता ने आम आदमी पार्टी का दामन थामा था। आज ये पार्टी की राजनीतिक मामलों के टॉप सदस्य है । पर्दे के पीछे रहकर गुप्ता ने ऐसी रणनीति तैयार की जिसकी पूरी पार्टी कायल है।

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