scriptवेनेजुएला में आर्थिक संकट, लोगों के पास घर चलाने के लिए नकदी नहीं | letin american country venezuala faces heavy cash crunch | Patrika News

वेनेजुएला में आर्थिक संकट, लोगों के पास घर चलाने के लिए नकदी नहीं

locationनई दिल्लीPublished: Jul 06, 2018 03:54:53 pm

Submitted by:

Manoj Kumar

वेनेजुएला की इस खराब हालत के लिए काफी हद तक उसकी आर्थिक नीतियां जिम्मेदार हैं। इसके अलावा अमरीका के साथ चल रहा ट्रे़ड वॉर उसको और गर्त में धकेल रहा है।

economic crisis

वेनेजुएला में आर्थिक संकट, लोगों के पास घर चलाने के लिए नकदी नहीं

नई दिल्ली। पुराने जमाने में लोग लेनदेन के लिए वस्तुओं का इस्तेमाल करते थे। इसको वस्तु विनिमय भी कहा जाता था। दक्षिण अमरीकी देश वेनेजुएला में आज भी यह व्यवस्था चल रही है। आज के आधुनिक युग में इसे बार्टर व्यवस्था कहा जाता है। लेकिन वेनेजुएला में आज भी इस बार्टर व्यवस्था के चलने के पीछे एक भयावह कहानी है। दरअसल वेनेजुएला की अर्थव्यवस्था इस समय बहुत बुरे दौर से गुजर रही है। लोगों के पास नकदी का संकट हो गया है। इस कारण लोग अपनी रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने के लिए बार्टर व्यवस्था का सहारा ले रहे हैं। मसलन यहां के लोग बाल कटवाने जैसी बेसिक जरूरत के लिए रुपयों के बजाए अंडे और केले जैसी चीजों का लेनदेन कर रहे हैं।
वेनेजुएला के पास तेल का पर्याप्त भंडार

दक्षिण अमरीकी देश वेनेजुएला कभी सबसे समृद्ध देशों में गिना जाता था। लेकिन आज यह बुरे दौर से गुजर रहा है। वेनेजुएला की अर्थव्यस्था इतनी खराब हो चुकी है कि बैंकों के पास इस समय पैसा नहीं है। कच्चे तेल का पर्याप्त भंडार होने के बाद भी इस देश के लोग पैसों के लिए दर-दर की ठोकर खाने के लिए मजबूर हैं। हालात यह हैं कि यहां के लोग खाने-पीने जैसी मूलभूत चीजों के लिए भी पैसा नहीं जुटा पा रहे हैं। इस कारण लोगों को बड़े पैमाने पर बार्टर व्यवस्था अपनाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
इसलिए बनी समस्या

वेनेजुएला की इस खराब हालत के लिए काफी हद तक उसकी आर्थिक नीतियां जिम्मेदार हैं। इसके अलावा अमरीका के साथ चल रहा ट्रे़ड वॉर उसको और गर्त में धकेल रहा है। दरअसल राष्ट्रपति निकोलस मादुरो के कार्यकल में वेनेजुएला की अर्थव्यवस्था लगातार गर्त में जा रही है। इस साल मई में हुए चुनावों में फिर निकोलस वेनेजेएला के राष्ट्रपति चुने गए हैं। तब से वह कई देशों के निशाने पर हैं। हालात इतने खराब हैं कि 2015 से 2017 के बीच यहां की कुल आबादी के 3 फीसदी लोग पलायन कर चुके हैं। नकदी के संकट के कारण लोगों को बार्टर व्यवस्था अपनाने पर मजबूर होना पड़ रहा है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो