scriptअब लिपिस्टिक इंडेक्स बन रहा आर्थिक सुस्ती की वजह. ये है पूरा मामला | Lipstick index is one of the reason of Economic slowdown | Patrika News

अब लिपिस्टिक इंडेक्स बन रहा आर्थिक सुस्ती की वजह. ये है पूरा मामला

locationनई दिल्लीPublished: Aug 31, 2019 02:47:47 pm

Submitted by:

manish ranjan

ऑटो, FMCG के बाद लिपिस्टिक बना मुसीबत
मिल रहे हैं आर्थिक सुस्ती के संकेत
रिपोर्ट में हुआ खुलासा

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नई दिल्ली। देश की इकोनॉमी सुस्ती सरकार के लिए हर रोज नए मुसीबत खड़े कर रही है। पहले ऑटो, FMCG, अंडरगारमेंट्स और अब औरतों की लिपिस्टिक। जी हां आपने सही पढ़ा मोदी सरकार के लिए अब औरतों की लिपिस्टिक मुसीबत का सबब बन रही है। दरअसल गारमेंट, FMCG और ऑटो इंडेक्स में जहां भारी गिरावट दर्ज की गई है। वही लिपिस्टिक इंडेक्स में तेज दर्ज की जा रही है। देश में आर्थिक सुस्ती की एक वजह यह इंडेक्स भी बन रहा है।
कलर कॉस्मैटिक में उछाल

एक इंडेक्स के मुताबिक लिपस्टिक की बिक्री बढ़ने से आर्थिक सुस्ती का संकेत मिलता है। इस रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय उपभोक्ता इस समय गाड़ी या टिकाऊ उपभोक्ता वस्तुओं की खरीद को टाल रहे हैं। वहीं लिपिस्टिक की खपत में बढ़त दर्ज की जा रही है। जिसके चलते लोग आधारभूत चीजें नहीं खरीद पा रहे हैं।
कितनी बढ़ रही है बिक्री

कॉस्मैटिक प्रोडक्ट बनाने वाली कंपनियां लैकमे और लॉरिआल जैसे ब्रैंड्स के लिपस्टिक की बिक्री दोहरे अंकों की गति से बढ़ी है। आपको बता दें कि लिपस्टिक इंडेक्स’ का प्रयोग सबसे पहले ‘एस्टी लॉडर’ के पूर्व चेयरमैन लियोनार्ड लॉडर ने वर्ष 2000 की आर्थिक मंदी के दौरान कंपनी की कॉस्मेटिक बिक्री में हुई वृद्धि को समझाने के लिए किया था। भारत में, उपभोक्ता इस समय गाढ़ी या टिकाऊ उपभोक्ता वस्तुओं की खरीद को टाल रहे हैं, लेकिन लिपस्टिक जैसी छोटी विलासिता के सामान खरीद रहे हैं। जिसकी वजह से भी आर्थिक सुस्ती को मजबूती मिल रही है।
अंडरगारमेंट्स इंडेक्स में भारी गिरावट

एक ओर जहां फैशन और शौक के लिए इस्तेमाल किए जाने लिपिस्टिक की सेल्स लगातार बढ़ रही है। वही आपके शरीर की सबसे जरुरी चीज अंडरगारमेंट्स इंडेक्स में लगातार गिरावट दर्ज की गई है। जून की तिमाही चार सबसे बड़ी इनरवियर्स कंपनियों के लिए काफी खराब रही है। रिपोर्ट की मानें तो उनका यह बीते 10 सालों का सबसे खराब प्रदर्शन है।इनरवेयर सेल्स ग्रोथ में जून तिमाही में भारी गिरावट देखने को मिली है। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार चार बड़ी इनरवेयर कंपनियों के तिमाही नतीजे एक दशक में सबसे कमजोर रहे हैं। जॉकी ब्रांड के इनरवेयर्स की बात करें तो सिर्फ फीसदी की बढ़ेतरी देखने को मिली है। जो 2008 के बाद सबसे खराब ग्रोथ रेट है। पहीं डॉलर इंडस्ट्रीज में 4 फीसदी की गिरावट आई है। वहीं 20 फीसदी की गिरावट वीआईपी क्लोदिंग में देखने को मिली है। जबकि लक्स इंडस्ट्रीज की सेल फ्लैट रही है।
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