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कालेधन से निपटने के लिए मोदी सरकार की बड़ी तैयारी, आपके हर लेनदेन पर होगी पैनी नजर

locationनई दिल्लीPublished: Jul 09, 2018 04:57:22 pm

Submitted by:

Ashutosh Verma

सरकार अब एेसी व्यवस्था तैयार करनेे में जुटी है जिससे उसे आपके हर इलेक्ट्राॅनिक ट्रांजैक्शन के बारे में पता चल सकेगा।

Modi on Black Money

कालेधन से निपटने के लिए मोदी सरकार की बड़ी तैयारी, आपके हर लेनदेन पर होगी पैनी नजर

नर्इ दिल्ली। साल 2014 के विधानसभी चुनाव में नरेन्द्र मोदी के अगुवार्इ में भाजपा जिन वादों के साथ चुनाव लड़ी थी,उनमें से एक सबसे प्रमुख मुद्दा था ‘कालाधन’। विपक्ष भले ही सरकार को इस मुद्दे पर घेरती रही हो लेकिन सरकार ने पिछले 4 साल में कालेधन से निपटने के लिए कर्इ कदम उठाए है। कालेधन को लेकर सरकार के पास अब तक जो सबसे बड़ी चुनौती रही है वो ये कि आखिर कालेधन की पहचान कैसे कि जाए। लेकिन अब सरकार ने इसका भी तोड़ निकाल लिया है। अापको बता दें कि सरकार अब एेसी व्यवस्था तैयार करनेे में जुटी है जिससे उसे आपके हर इलेक्ट्राॅनिक ट्रांजैक्शन के बारे में पता चल सकेगा। सरकार आैर भारतीय रिजर्व बैंक मिलकर एक एेसे सर्च इंजन या डाटाबेस इंजन तैयार करने की जुगत में है कि जिससे की उसे देश में होने वाले सभी इलेक्ट्राॅनिक ट्रांजैक्शन के बारे में पता चल सके।


कंपनियों समेत आपके व्यक्तिगत लेनदेन पर भी होगी नजर

एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इससे सरकार को मनी लाॅन्ड्रिंग केस आैर शेल कंपनियों से निपटने में अासानी होगी। आपको बता दें कि सरकार शेल कंपनियों पर कर्इ कड़ी कार्रवार्इ कर चुकी है आैर मनी लाॅन्ड्रिंग को भी आैर मजबूत बनाया है। इसको लेकर सरकार का पूरा फोकस काॅरपोरेट डाटा पर होगा, हालांकि व्यक्तिगत डाटा पर भी सरकार की पैनी नजर होगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस प्रस्ताव में इस बात का जिक्र है कि भारतीय रिजर्व बैंक एक एेसा प्लेटफार्म तैयार करे जिसमें सभी नाॅन-कैश ट्रांजैक्शन को रिकाॅर्ड किया जा सके। हालांकि ये डाटा ट्रैक नहीं किया जाएगा बल्कि रिक्वेस्ट के आधार पर एक्सेस किया जाएगा।


अासान नहीं होगा सभी लेनदेन ट्रैक करना

हालांकि अभी इस बात को लेकर भी संदेह है कि इससे ये टूल जांच एजेंसियाें को कितना मदद करेगा। मान लीजिए कि किसी एक व्यक्ति A किसी दूसरे व्यक्ति B को पांच करोड़ रुपये का चेक देता है। लेकिन B को पहले ही कोर्इ C 20 करोड़ रुपये दे चुका होता है। एेसे में अकेले डाटाबेस ही इस जानकारी के बारे में पता लगाने के लिए पर्याप्त नहीं है। सूत्रों के मुताबिक, किसी एक एंटीटी से जुड़े सभी लेनदेन को ट्रैक करना मौजूदा सेटअप के हिसाब से मुश्किल होगा। किसी भी ट्रांजैक्शन पर नजर बनाए रखना सरकार के लिए महत्वपर्ण होगा क्योंकि इससे शेल कंपनियों को खत्म करने आैर मनी लाॅन्ड्रिंग केस को सुलझाने में मदद मिलेगी।

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