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आरक्षण के बाद पीएम मोदी के लिए सबसे बड़ी चुनौती, अब कैसे देगें नौकरी

locationनई दिल्लीPublished: Jan 14, 2019 04:35:34 pm

Submitted by:

manish ranjan

मोदी सरकार ने हाल ही में सर्वणों को आरक्षण का नया तोहफा दिया है, लेकिन सरकारी नौकरी में आए दिन हो रही कमी को भी हम अनदेखा नहीं कर सकते हैं। केंद्र सरकार, बैंकों और केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्योगों में तेजी से कमी आ रही है।

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आरक्षण के बाद पीएम मोदी के लिए सबसे बड़ी चुनौती, अब कैसे देगें नौकरी

नई दिल्ली। मोदी सरकार ने हाल ही में सर्वणों को आरक्षण का नया तोहफा दिया है, लेकिन सरकारी नौकरी में आए दिन हो रही कमी को भी हम अनदेखा नहीं कर सकते हैं। केंद्र सरकार, बैंकों और केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्योगों में तेजी से कमी आ रही है।


आंकड़ों के अनुसार मिली जानकारी

कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग के आंकड़ों के अनुसार संघ लोक सेवा आयोग की भर्तियों में भी गिरावट आई है। इसके साथ ही रेलवे भर्ती बोर्ड (आरआरबी), कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) में भी रिक्तियों में कमी आई है। एक तरफ जहां सरकारी नैकरी में कमी आ रही है, वहीं दूसरी ओर सरकार ने आर्थिक रूप से कमजोर सवर्ण वर्ग के लिए 10 फीसदी का आरक्षण दिया है, जिससे सर्वणों को भी आसानी से सरकारी नौकरी मिल सके।


2015 से लेकर अब तक आई काफी गिरावट

कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग के आंकड़ों के मुताबिक पिछले तीन सालों में इन तीन मुख्य एजेंसियों द्वारा चयन और भर्ती की प्रक्रिया में कमी आ रही है। वित्त वर्ष 2017 से लेकर 2015 तक सरकारी नौकरियों की संख्या 1,13,524 से घटकर 1,00,933 हो गई। हालांकि, वित्तीय वर्ष 2017 में सीपीएसई द्वारा नियोजित लोगों की संख्या 11.31 लाख थी जो वित्तीय वर्ष 2016 में 11.85 लाख की तुलना में 4.5 फीसदी गिर गई थी।


आरबीआई ने दी जानकारी

भारतीय रिजर्व बैंक ने आंकड़ों जारी करते हुए बताया कि बैंकों में कुल रोजगार में लगभग 4.5% की वृद्धि हुई है, मुख्य रूप से अधिकारियों की भर्तियों में बढ़ोतरी हुई है। इसके साथ ही क्लर्ककी नौकरी में भी एब बढ़ोतरी हुआ है। हालांकि वित्त वर्ष 2015 और वित्तीय वर्ष 2017 के बीच लगभग 8 फीसदी की गिरावट देखी गई है।


ये लोग नहीं हैं शामिल

आपको बता दें कि इन एजेंसियों के लिए उपलब्ध आंकड़ों में राज्य सरकार, वित्तीय संस्थान, विश्वविद्यालय, वैधानिक और स्वायत्त निकायों और यूपीएससी और एसएससी के बाहर के मंत्रालयों और विभागों द्वारा सीधे किए गए भर्ती शामिल नहीं हैं।

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