बढ़ रही उपभोक्ताओं की संख्या
भट्टाचार्य ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि परिवारों को स्वच्छ ईंधन मुहैया कराने का इस योजना का सामाजिक उद्देश्य पूरा कर लिया गया है। इसके अलावा इस योजना ने निवेश, रोजगार सृजन, महिला सशक्तिकरण और ग्रामीण क्षेत्र की मजबूती के संदर्भों में भी असर डाला है।’’
आईओसीएल ने लगाई 149 करोड़ के संयत्र
उन्होंने कहा कि सार्वजनिक कंपनी इंडियन ऑयल कॉरपारेशन ने 149 करोड़ रुपये की लागत से सिलेंडर में गैस भरने के छह संयंत्र लगाये हैं। इसके अलावा कंपनी 290 करोड़ रुपये के अधिक के निवेश से त्रिपुरा के अगरतला और मेघालय के बाड़ापानी में 2020 तक दो नये संयंत्र बना रही है। उन्होंने कहा कि कंपनी ने बढ़ी मांग की पूर्ति के लिये असम के बोंगईगांव परिशोधन संयंत्र की प्रौद्योगिकी को 2,500 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश से उन्नत बनाया है।
आगे करेगी 100 करोड़ का निवेश
भट्टाचार्य ने कहा, ‘‘इंडियन ऑयल के सिलेंडर भरने वालों संयंत्रों में प्रौद्योगिकी को उन्नत बनाने के लिये आने वाले वर्षों में करीब 100 करोड़ रुपये निवेश करने की योजना है। अलग शब्दों में कहें तो उज्ज्वला योजना के कारण आयी अतिरिक्त मांग की पूर्ति के लिये तीन हजार करोड़ रुपये अधिक का निवेश किया जा रहा है।’’
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आज के समय में पूर्वोत्तर में एलपीजी कारोबार में 22,500 से अधिक लोगों को रोजगार मिला हुआ है। उज्ज्वला योजना शुरू से पहले ऐसे लोगों की संख्या मई, 2017 में 19,500 थी।