मूडीज ने भारत को दिया झटका, आर्थिक सुस्ती के कारण घटाई रेटिंग
- मूडीज ने कम आर्थिक वृद्धि का हवाला देकर भारत की रेटिंग घटाई
- Moodys ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए भारत के जीडीपी अनुुमान को भी घटा दिया

नई दिल्ली। देश में लगातार बढ़ती आर्थिक सुस्ती को देखते हुए क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज ( Moodys ) ने भारत की रेटिंग घटा दी है। पहले मूडीज ने भारत की रेटिंग को स्थिर रखा हुआ था। रेटिंग घटाते हुए मूडीज ने कहा कि भारत की आर्थिक वृद्धि सुस्त है, जिसके कारण रेटिंग को स्थिर से नकारात्मक कर दिया गया है। इसके साथ ही भारत की रेटिंग के लिए अपने नजरिए को बदल दिया है।
एजेंसी ने दी जानकारी
एजेंसी ने जानकारी देते हुए कहा कि पहले के मुकाबले आर्थिक वृद्धि ( economic growth ) के बहुत कम रहने की आशंका है। एजेंसी ने भारत के लिए बीएए2 विदेशी-मुद्रा एवं स्थानीय मुद्रा रेटिंग की पुष्टि की है। रेटिंग एजेंसी ने एक बयान में कहा, “परिदृश्य को नकारात्मक करने का मूडीज का फैसला आर्थिक वृद्धि के पहले के मुकाबले काफी कम रहने के बढ़ते जोखिम को दिखाता है। मूडीज के पूर्व अनुमान के मुकाबले वर्तमान की रेटिंग लंबे समय से चली आ रही आर्थिक एवं संस्थागत कमजोरी से निपटने में सरकार एवं नीति के प्रभाव को कम होते हुए दिखाती है। जिस कारण पहले ही उच्च स्तर पर पहुंचा कर्ज का बोझ धीरे-धीरे और बढ़ सकता है।”
घटाया जीडीपी अनुमान
आपको बता दें कि मूडीज ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए भारत के जीडीपी ( GDP ) अनुुमान को भी घटा दिया है। एजेंसी ने जीडीपी अनुमान को घटाकर 5.8 फीसदी कर दिया है। वहीं पहले एजेंसी ने 6.8 फीसदी का अनुमान जताया था।
बढ़ रही बेरोजगारी
देश में एक ओर मोदी सरकार 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी का सपना देख रही है। वहीं देश की बड़ी-बड़ी रेटिंग एजेंसी भारत की रेटिंग को घटा रही हैं। देश में पिछले कुछ समय से आर्थिक मंदी बढ़ती ही जा रही है। इस मंदी के कारण देश में बेरोजगारी भी बढ़ती जा रही है।
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