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ILO Report: दुनिया के 160 करोड़ लोगों के बेरोजगार होने का अनुमान, Informal Sector में Jobs को सबसे ज्यादा खतरा

Published: Apr 30, 2020 05:46:09 pm

Submitted by:

Saurabh Sharma

दुनिया में 330 करोड़ लोग Work Force के रूप में करते हैं काम
दुनिया में 200 करोड़ लोग Informal Sector में करते हैं काम

Job Lost ILO Report

नई दिल्ली। कोरोना वायरस लॉकडाउन ( Coronavirus Lockdown ) की वजह से दुनिया में काम करने वाले कुल कामगारों में से 50 फीसदी के नौकरियों पर संकट ( Jobs Crisis ) का अनुमान लगाया गया है। यह अनुमान अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन ( International Labour Organization ) की ओर से लगाया गया है। खास बात ये है कि इनमें से सबसे ज्यादा असंगठित क्षेत्र ( Informal Sector ) में काम करने वाले लोगों के जाने की संभावना है। वहीं करोड़ों नौकरियां संगठित क्षेत्र में भी जा सकती है। अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन की ओर से नौकरियों पर तीन हफ्तों में दूसरी रिपोर्ट है। इस रिपोर्ट में पहली रिपोर्ट से ज्यादा भयावह तस्वीर है।

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दुनिया का आधा वर्कफोर्स होगा बेरोजगार!
अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन की रिपोर्ट के अनुसार कोरोना वायरस की वजह से दुनिया का आधा वर्कफोर्स बेरोजगार होने की कगार पर आ गया है। रिपोर्ट की मानें तो दुनिया में कुल 330 करोड़ कामगार ( संगठित और असंगठित क्षेत्र को मिलाकर ) जिनमें से 160 करोड़ असंगठित क्षेत्र के कामगारों की नौकरियों पर खतरा मंडराया हुआ है। वहीं बात संगठित क्षेत्र की करें तो रिपोर्ट में अप्रैल से जून के दौरान करीब 30.5 करोड़ लोगों की फुल टाइम नौकरियां खत्म होने की संभावना जताई गई है। इससे पहले संगठन की ओर से जून तिमाही में हर सप्ताह औसतन 48 घंटे वर्किंग ऑवर वाले 19.5 करोड़ फुल टाइम जॉब का नुकसान का अनुमान लगाया गया था। अपको बता दें कि कुल वर्कफोर्स में 200 करोड़ कामगार असंगठित क्षेत्र से हैं। जबकि बाकी लोग संगठित क्षेत्र में काम करते हैं।

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असंगठित क्षेत्र के कामगार मुश्किल में
रिपोर्ट के अनुसार असंगठित क्षेत्र के 160 करोड़ लोगों के सामने रोजी रोटी का संकट पैदा हो गया है। लॉकडाउन के कारण नौकरी चले जाने और काम ना मिलने की वजह से यह संकट पैदा हुआ है। इंफॉर्मल इकोनॉमी में उन कामगारों को शामिल किया जाता है जिसका सरकार से कोई वास्ता या यूं कहें कि सरकार जिनकी निगरानी नहीं रखती है। जिसमें कामगार किसी तरह के टैक्स का भुगतान नहीं करता है। इसमें रेस्तरां कर्मचारी, क्लीनर और सड़क विक्रेता आदि शामिल हैं।

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लाखों व्यवसाय गिन रहे हैं आखिरी सांस
संगठन के डायरेक्टर के अनुसार, इंफॉर्मल सेक्टर के कामगारों का स्थिति काफी कमजोर है। ना तो उन्होंने अच्छा संरक्षण मिल पा रहा है। ना ही अच्छी स्वास्थ्य सेवाएं ही मिल रही हैं। उन्होंने कहा कि लाखों कामगारों के लिए नौकरी ना होने का मतलब है कमाई ना होना, जिसकी वजह से उन्हें खाना नहीं मिलेगा, सुरक्षा नहीं मिलेगी और ना ही उनका कोई भविष्य होगा। उनके अनुसार कोरोना वायरस लॉकडाउन के कारण दुनियाभर के लाखों व्यवसाय अपनी अंतिम सांसें गिन रहे हैं। उनके पास तो कोई बचत है और ना ही कर्ज देने को तैयार है।

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