कुछ खबरों के मुताबिक, 200 रूपए के नए नोट की ब्लैक मार्केटिंग से बचने के लिए आरबीआई ने पहले से ही कदम उठा लिए हैं। आरबीई इस बात की आशंका जता रही है कि नए नोट को लोगा हाथों हाथ ले लेंगे और जमाखोरी कर सकते हैं। इसी चुनौती से बचने के लिए 50 करोड़ नोट छापे जाएंगे जिससे पूरे देश में नोटों की कमी न हो सके। आरबीआई के तरफ से 200 रूपए के इस नए नोट
पिछले साल नोटबंदी के दौरान जब आरबीआई द्वारा 2000 रूपए के नोट जारी हुए थे, तब लोगों ने इसकी जमाखोरी किया था। इसी से सबक लेते हुए आरबीआई इस बार पूरी तैयारी के साथ 200 रूपए के नए नोट बाजार में उतारने जा रहा हैं। एसबीआई के एक आर्थिक रिसर्च के अनुसार, नोटबंदी के बाद से बाजार में बड़े नोटो की संख्या 86 फीसदी से घटकर अब 70 फीसदी रह गया हैं।
200 रूपए के नए नोट आने से होंगे ये दो फायदे
200 रूपए के नए नोट से बाजार में छोटे नोटो के अनुपात में बढ़ोतरी होगा और लेनदेन के दृष्टिकोण से कैश का प्रयोग ज्यादा होगा। इस दो सौ रूपए के नए नोट मे भी नोटबंदी के बाद के 500 और 2000 रूपए के नए नोटों कि तरह ही एडवांस सेक्योरिटी फीचर्स होंगे। नोटबंदी से पहले बाजार में 500 रूपए के 1,717 करोड़ नोट था तो वहीं 1000 रूपए के 686 करोड़ नोट था।