नीती आयोग ने दी जानकारी
विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) के एक कार्यक्रम ‘भारत आर्थिक सम्मेलन’ को संबोधित करते हुए अमिताभ कांत ने कहा कि पिछले पांच साल में देश की अर्थव्यवस्था 7.5 फीसदी की रफ्तार से बढ़ी है। 2017-18 की अंतिम तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 8.1 फीसदी थी, जो 2019-20 की अप्रैल-जून तिमाही में घटकर पांच फीसदी रह गई है।
आरबीआई कर सकता है ब्याज दरों में कटौती
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक और सरकार ने देश को फिर ऊंची वृद्धि की राह पर ले जाने के लिए कई कदम उठाए हैं। इस साल केंद्रीय बैंक अभी तक प्रमुख नीतिगत दर रेपो में 1.10 फीसदी की कटौती कर चुका है, लेकिन मौद्रिक नीति की अपनी सीमाएं हैं इसलिए सरकार ने भी अपनी ओर से कई उपाय किये हैं। नीति आयोग के सीईओ ने कहा मुझे लगता है कि अभी कई और संरचनात्मक सुधार किए जाएंगे।
आगे बढ़ रहा विनिवेश
उन्होंने कहा कि सरकार सार्वजनिक क्षेत्र में विनिवेश को आगे बढ़ा रही है। मैं आपसे कह सकता हूं कि हमने संपत्तियों के मौद्रिकरण के लिए बड़ा कदम आगे बढ़ाया है। हमारा मानना है कि नयी परियोजनाओं की बजाय निवेशक पहले से चल रही परियोजनाओं में निवेश करने के लिए आगे आएं।