scriptजीडीपी बैक सीरीज डाटा जारी करने के लिए नीति आयोग ने दिसंबर तक का मांगा समय | Niti Ayog seeks times till december to release GDP back series data | Patrika News

जीडीपी बैक सीरीज डाटा जारी करने के लिए नीति आयोग ने दिसंबर तक का मांगा समय

locationनई दिल्लीPublished: Nov 13, 2018 02:02:37 pm

Submitted by:

Ashutosh Verma

पहले सरकार ने इसके लिए अपने आंतरिक डेडलाइन के तौर पर नवंबर तय किया था। बता दें कि 2004-2005 से लेकर 2011-2012 के बीच के सभी जीडीपी डाटा सोमवार को जारी होने थे।

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जीडीपी बैक सीरीज डाटा जारी करने के लिए नीति आयोग ने दिसंबर तक का मांगा समय

नर्इ दिल्ली। गत कुछ सालों की प्रत्याशित जीडीपी डाटा के लिए अभी आैर इंतजार करना पड़ सकता है। नीति आयोग से प्राप्त जानकारी के मुताबिक अब यह डाटा दिसंबर माह के अंत में जारी किए जाने का अनुमान है। पहले सरकार ने इसके लिए अपने आंतरिक डेडलाइन के तौर पर नवंबर तय किया था। बता दें कि 2004-2005 से लेकर 2011-2012 के बीच के सभी जीडीपी डाटा सोमवार को जारी होने थे। लेकिन नीति आयोग ने अंतिम समय में राजीव कुमार की अध्यक्षता में फैसला किया कि उसे यह डाटा जारी करने में थोड़ा आैर समय लग सकता है। नीति आयोग ने यह समय ग्रोथ अनुमाना का विश्लेषण के लिए मांगा है।


बेस र्इयर में बदलाव के बाद बढ़ी मुश्किलें

नीति आयोग ने अपने बयान में कहा है, “बैठक के दौरान एक्सपर्ट्स ने विश्लेषण के लिए आैर जानकारियां मांगी है जिसपर काम किया जा रहा है। इसके बाद ही डाटा जारी करने की तारीख को आैर आगे बढ़ा दिया गया है।” गौरतलब है कि जनवरी 2015 में सरकार ने बेस र्इयर को 2004-2005 से बदलकर 2011-2012 तय करने का फैसला लिया था। इसके पहले भी साल 2010 में बेस र्इयर में को रिवाइज किया जा चुका है। बेस र्इयर में बदलाव के बाद वित्त वर्ष 2013-14 के लिए 6.9 फीसदी के जीडीपी ग्रोथ का अनुमान लगाया गया था। जो कि 2004-05 की तुलना में 4.7 फीसदी था।


इसी हिसाब से 2012-13 के लिए जीडीपी दर को 4.5 फीसदी से रिवाइज कर 5.1 फीसदी किया गया था। हालांकि, वित्त वर्ष 2011-12 के पहले केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसआे) को रिवाइज्ड बेस र्इयर को जारी करने में परेशानी हुर्इ थी। सीएसआे को ये परेशानी खासतौर पर MCA-21 डाटाबेस की अनुपलब्धता की वजह से हुआ था। उस वक्त के मुख्य सांख्यिकिकार टी सी ए अनंत ने साल 2017 में कहा था कि उन्हें डाटा विश्लेषण करने में कर्इ तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

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