महिलाओं को प्रेरित करना था उद्देश्य
पुरस्कार मिलने की घोषण के बाद एस्थर ने कहा कि वे इस सम्मान को उन सभी महिलाओं को समर्पित करती हैं जो अपने-अपने क्षेत्र में दिन-रात कड़ी मेहनत करती हैं। उन्होंने कहा कि वे अपने काम के जरिए दुनिया भर की महिलाओं को प्रेरित करना चाहती थीं ताकि वे हारकर बैठ न जाएं। उन्होंने दो पुरुषों के साथ्ळा इस सम्मान को साझा करने पर कहा कि गरीबी जैसी वैश्विक समस्याओं से लडऩे में हम तीनों एक साथ खड़े रहे। मुझे उम्मीद है कि इसके बाद लोग महिलाओं के काम को भी गंभीरता से लेंगे।
-मैरी क्यूरी और पियरे क्यूरी (भौतिकी में नोबेल, 1903)
-आयरीन जोलियट-क्यूरी और फ्रेडरिक जोलियट (रसायन में नोबेल, 1935)
-गर्टी कोरी और कार्ल कोरी (मेडिसिन में नोबेल, 1947)
-गनर मायरडल-अल्वा मायरडल (गनर को 1974 में अकोनोमिक्स साइंस के लिए और अल्वा को 1982 में शांति के लिए नोबेल पुरसकार मिला था)
-मे ब्रिट-मोजेर और एडवर्ड आइ. मोजेर (मेडिसिन में नोबेल, 2014)