Published: Jul 28, 2018 03:23:19 pm
Saurabh Sharma
2019 के चुनावों में पेट्रोल आैर डीजल की कीमतें ही नरेंद्र मोदी के लिए सबसे बड़ी चुनौती होंगी, जिसकी वजह से उन्हें आैर उनकी पार्टी को हार का मुंह भी देखना पड़ सकता है।
2019 में कांग्रेस नहीं पेट्रोल आैर डीजल देंगे मोदी को मात
नर्इ दिल्ली। 2019 के लोकसभा चुनावों में मोदी को मात देने के लिए ना तो राहुल गांधी उतने कारगर साबित होंगे ना ही देश की बाकी पार्टियों से मिलकर बना महागठबंधन। नरेंद्र मोदी की विजय को जो रोकेगा वो आैर कोर्इ नहीं, बल्कि देश में लगातार बढ़ती पेट्रोल-डीजल कीमतें हैं। इन दोनों की कीमतों के बढ़ने से देश में पिछले दो महीनों में थोक महंगार्इ दर आैर खुदरा महंगार्इ दर दोनों में इजाफा हुआ है। जो नरेंद्र मोदी के लिए 2019 के चुनावों के लिए बहुत बड़ी चुनौती बन गए हैं।
बढ़ रही हैं पेट्रोल-डीजल की कीमतें
भले ही पेट्रोलियम कंपनियां पिछले कुछ दिनों में पेट्रोल डीजल के दामों में थोड़ा कम कर बढ़ी कीमतों की वजह से लोगों में पैदा हुए रोष को कम करने में जुट हुर्इ हैं। लेकिन यह ज्यादा दिनों तक नहीं चलने वाला है। जिस तरह से रुपए का स्तर डाॅलर के मुकबाले लगातार गिर रहा है उससे भारत को क्रूड आॅयल के महंगा खरीदना पड़ेगा। जिससे देश में पेट्रोल आैर डीजल की कीमतें आसमान छू जाएंगी। आपको बता दें कि देश में पिछले महीने अपने रिकाॅर्ड लेवल पहुंच चुका है। वहीं डीजल कीमतें भी आसमान छू चुकी हैं।
पेट्रोल आैर डीजल ने बढ़ार्इ महंगार्इ
हाल में सरकार की आेर से जो रिपोर्ट आर्इ थी उसमें थोक महंगार्इ आैर खुदरा महंगार्इ दर दोनों बढ़ चुकी है। आंकड़ों की बात करें ताे मर्इ के मुकाबले में थोक महंगार्इ में 1.34 फीसदी बढ़ी है। जून में थोक महंगार्इ 5.77 फीसदी पहुंच चुकी है। वहीं खुदरा महंगार्इ दर के आंकड़े 5.07 फीसदी तक बढ़ गर्इ है। दोनों के बढ़ने का सबसे बड़ा कारण पेट्रोल आैर डीजल कीमतों को माना जा रहा है।
आर्इएमएफ ने घटार्इ थी विकास दर
कुछ दिनों पहले अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने अपनी रिपोर्ट में भारत की विकास दर को कुछ फीसदी को घटा दिया था। जिसका कारण बताया गया था कि भात में पेट्रोल आैर डीजल की कीमतों की वजह से देश में महंगार्इ बढ़ रही है। साथ ही अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा में भी कमी आर्इ है। वैसे एक पहले ही फोरेक्स की रिपोर्ट के अनुसार देश में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा बढ़ी हैं।