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रिजर्व बैंक ने किया बड़ा खुलासा, 4 साल में तीन गुना बढ़ गया सरकारी बैंकों का बैड लोन

locationनई दिल्लीPublished: Sep 21, 2018 08:31:58 am

Submitted by:

Manoj Kumar

आरबीआई की ओर से दिया गया यह आंकड़ा सरकारी बैंकों की ओर से जारी की गई रिपोर्ट के आधार पर है।

Reserve Bank of India

रिजर्व बैंक का बड़ा खुलासा, 4 साल में तीन गुना बढ़ा सरकारी बैंकों का बैड लोन

नई दिल्ली। सरकारी बैंकों के एनपीए यानी बैड लोन को लेकर विपक्ष के निशाने पर चल रही केंद्र की मोदी सरकार को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बड़ा झटका दिया है। एक आरटीआई के जवाब में आरबीआई ने कहा है कि केंद्र की मोदी सरकार के चार साल के कार्यकाल में सरकारी बैंकों के नॉन परफॉर्मिंग एसेट (एनपीए) यानी बैड लोन में तीन गुना की बढ़ोतरी हुई है। एक मीडिया हाउस की ओर से आरटीआई के सवालों का जवाब देते हुए आरबीआई ने कहा है कि 30 जूना 2014 से दिसंबर 2017 के अंत तक सरकारी बैंकों के एनपीए में 3 गुना की बढ़ोतरी हुई है। इस आरटीआई के जरिए 30 जून 2018 तक के सरकारी बैंकों के एनपीए के आंकड़े देने की मांग की गई थी, लेकिन आरबीआई ने आंकड़े नहीं होने का हवाला देते हुए दिसंबर 2017 तक के बैड लोन की जानकारी दी है।

ये है बैंकों के बैड लोन का हाल

रिजर्व बैंक की ओर से आरटीआई के जवाब में दी गई जानकारी के अनुसार 30 जून 2014 तक सरकारी बैंकों का कुल एनपीए 224542 करोड़ रुपए था। जबकि दिसबंर 2017 तक यानी करीब साढ़े तीन साल में यह आंकड़ा बढ़कर 723513 करोड़ रुपए पर पहुंच गया है। आरबीआई की ओर से दिया गया यह आंकड़ा सरकारी बैंकों की ओर से जारी की गई रिपोर्ट के आधार पर है। आरटीआई के जवाब में आरबीआई ने इस अवधि के दौरान लोन की कुल रिकवरी की जानकारी भी दी गई है। आरबीआई के अनुसार अप्रैल 2014 से 31 मार्च 2018 के मध्य सरकारी बैंकों की ओर से कुल 177931 करोड़ रुपए लोन की राशि के रूप में रिकवर किए हैं। हालांकि, यह राशि इस अवधि में बांटे गए लोन के मुकाबले काफी कम है।

रघुराम राजन के बयान के बाद घिरी केंद्र सरकार

आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने कुछ दिन पहले संसदीय समिति को दिए लिखित जवाब में एनपीए को लेकर पीएमओ को घेरा था। राजन ने अपने जवाब में कहा था कि उन्होंने बड़े बैंक घोटालेबाजों की एक लिस्ट प्रधानमंत्री कार्यालय को भेजी थी। लेकिन आगाह करने के बाद भी किसी भी घोटालेबाज पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। राजन के इस बयान के सामने आने के बाद केंद्र की मोदी सरकार घिर गई है। विपक्ष मोदी सरकार पर बैंकों के घोटालेबाजों को बचाने का आरोप लगा रहा है। इस बीच भगौड़े शराब कारोबारी विजय माल्या का बयान सामने आने के बाद केंद्र सरकार की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। विजय माल्या ने हाल ही में कहा था कि उन्होंने देश छोड़ने से पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली से मुलाकात की थी।

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