नई दिल्लीPublished: Oct 05, 2018 08:34:23 am
Saurabh Sharma
वित्त मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के तहत संचालित तेल विपणन कंपनियां (ओएमसी) अपनी कार्यगत पूंजी की जरूरतों के लिए 10 अरब डॉलर विदेशी मुद्रा के रूप में कर्ज जुटा सकती है।
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नई दिल्ली। वित्त मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के तहत संचालित तेल विपणन कंपनियां (ओएमसी) अपनी कार्यगत पूंजी की जरूरतों के लिए 10 अरब डॉलर विदेशी मुद्रा के रूप में कर्ज जुटा सकती है। मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि तेल कंपनियां चरणबद्ध ढंग से पांच साल अवधि में परिपक्वता वाली वाणिज्यिक उधारी (ईसीबी) के जरिए 10 अरब डॉलर जुटा सकती है, जिसकी आरंभिक किस्त चार अरब डॉलर और इसके बाद तीन-तीन अरब डॉलर की दो किस्तों में एक साल के भीरत धन जुटा सकती है।
पहले आरबीआई ने लिया था फैसला
मंत्रालय के इस बयान से पहले भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने तेल कंपनियों की कार्यशील पूंजी के लिए बुधवार को ईसीबी के मानदंडों में ढील देने का फैसला लिया। आरबीआई ने कंपनी विशेष के तय सीमा 75 करोड़ डॉलर या समतुल्य और हेजिंग की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया। आरबीआई ने यह कदम रुपए की गिरावट को थामने के मकसद से उठाया है।
80 फीसदी तेल आयात करता है भारत
आरबीआई ने तेल कंपनियों को उनकी डॉलर की जरूरतों की पूर्ति विदेशों से करने के लिए उत्साहित करने की कोशिश की है ताकि डॉलर के मुकाबले रुपए की गिरावट रोकी जाए। भारत अपनी तकरीबन 80 फीसदी तेल की जरूरतों की पूर्ति आयात से करता है। ऐसे में तेल के दाम में वृद्धि से डॉलर की मांग बढ़ती जा रही है जिसके फलस्वरूप घरेलू मुद्रा पर दबाव देखा जा रहा है। डॉलर के मुकाबले रुपया गुरुवार को रिकॉर्ड 73.77 के निचले स्तर तक लुढक़ा।
85 डॉलर प्रति बैरल पहुंच चुका है कच्चा तेल
अगर क्रूड ऑयल की कीमतों की बात करें तो इंटरनेशनल मार्केट में क्रूड ऑयल के दाम 85 डॉलर प्रति बैरल पहुंच चुके हैं। ईरान प्रतिबंध लगने के बाद इसकी कीमतों में और भी इजाफा होने के आसार हैं। जानकारों की मानें तो डॉलर के मजबूत होने के बाद क्रूड ऑयल के दामों में और भी इजाफा होगा। वहीं ओपेक देशों ने भी प्रोडक्शन को कम कर दिया है। जिसकी वजह से क्रूड ऑयल की कीमतों में और भी इजाफा हो रहा है।