कम नहीं हो रहे पेट्रोल-डीजल के दाम, कंपनियों ने कमाए 68 हजार करोड़
बार-बार पेट्रोल और डीजल को जीएसटी में लाने की मांग उठती रहती है लेकिन सरकार इस पर कोई ठोस कदम उठाती दिखाई नहीं देती।

नई दिल्ली। बार-बार पेट्रोल और डीजल को जीएसटी में लाने की मांग उठती रहती है लेकिन सरकार इस पर कोई ठोस कदम उठाती दिखाई नहीं देती। ऐसे में हर दिन पेट्रोल और डीजल की कीमतों में जो भी इजाफा होता है, उसकी मार तो आम जनता पर पड़ती है। सरकार तेल कंपनियों से भारी-भारकम टैक्स तो वसूल रही हैं लेकिन टैक्स देने के बाद कंपनियों क्या कर रही है सरकार को इसकी कोई खबर ही नहीं हैं। दरअसल हाल ही में आई खबर के अनुसार सरकार के पास निजी तेल कंपनियों के कारोबार और कमाई का कोई भी आकंड़ा नहीं हैं। एक लिखित सवाल के जवान में खुद संसद में सरकार ने ये बात स्वीकार किया है।
सरकार ने साल 2017-18 में कमाए इतने करोड़
सरकार ने सरकारी तेल कंपनियों की कमाई का जो आकंड़ा जारी किया है, उसके अनुसार कुल दस सरकारी तेल कंपनियों ने वित्त वर्ष 2017-18 में तकरीबन12.92 लाख करोड़ से ज्यादा का करोबार किया हैं। तो वहीं 68596.07 करोड़ का मुनाफा कमाया। ऐसे में आप इस बात से ही अंदाजा लगा सकते है की जब सरकारी कंपनियों ने इतना मुनाफा कमाया है तो सरकारी कंपनियों ने कितना मुनाफा कमाया होगा।
कितना हुआ मुनाफा
सरकारी तेल कंपनियों में अगर सबसे ज्यादा अगर किसी को फायदा पहुंचा है तो वो है इंडियान ऑयल। वित्त वर्ष 2017-18 में 509842.00 करोड़ रुपए का करोबार किया हैं। अगर अब बात फायदे की जाए तो इंडियान ऑयल को 21346 करोड़ रुपए का फायदा पहुंचा है। तो दूसरी सबसे ज्यादा कमाने वाली कंपनी बनी भारत पेट्रोलियम। वित्त वर्ष में भारत पेट्रोलियम ने तकरीबन 244085.12 करोड़ की कमाई की है। भारत पेट्रोलियम को इस एक साल में 7919.34 करोड़ का मुनाफा हुआ है।
निजि तेल कंपनियों की नहीं है खबर
अब अगर बात निजी तेल कंपनियों की जाए तो सरकार को कुछ नहीं पता की आखिर वित्त वर्ष 2017-18 ने कितना कमाया, कितने का मुनाफा हुआ, कितनी कहा खर्च किए। इतना ही नहीं सरकार को तो इस बात तक की खबर भी नहीं है की हर साल सामाजिक कार्यो के लिए तो पैसे निजि तेल कंपनियों को देने होते हैं, उन्होंने वो दिया भी है या नहीं। एक संसाद ने सरकार से जब ये सवाल किया की निजि तेल कंपनियों ने सामाजिक कार्यो के लिए इस वर्ष कितने पैसे सामाजिक कार्यो के लिए दिए तो सरकार के पास इसका कोई जवाब नहीं था। हांलाकि सरकारी तेल कंपनियों के इस साल के मुनाफे को देखाते हुए यह अंदाजा लगा पाना मुश्किल नहीं है की निजि तेल कंपनियों को इससे भी ज्यादा फायदा पहुंचा होगा।
इतना टैक्स लेती है सरकार
पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों से आम जनता को जो परेशानियां उठानी पड़ रही है शायद सरकार को इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता है। क्योंकि जेब तो आम जनता की ढ़ीली हो रही हैं। इसलिए तो सरकार के पास निजि तेल कंपनियों के करोबार के पारे में कोई जानकारी नहीं है। पेट्रोल और डीजल का जीएसटी के दायरे में न आने से आम जनता को तो इसका नुकसान उठाना पड़ता हैं। लेकिन इसका फायदा अगर कोई उठा रहा है तो वो है निजी पेट्रोलियम कंपनियां। जो की जमकर मालामाल हो रही हैं। पेट्रोल और डीजल की कीमतों में लगभग हर दिन ही इजाफा देखाने को मिल जाता हैं। अगर बात वर्तमान की जाए तो आज पेट्रोल 75.55 रुपए लीटर है तो वहीं डीजल 67.38 रुपए लीटर हैं। केंद्र सरकार जहां पेट्रोल और डीजल पर 19.48 और 15.33 टैक्स वासूल रही हैं तो वहीं राज्य सरकार भी ज्यादा टैक्स वासूलने में पीछे कताई नहीं है राज्य सरकारे पेट्रोल और डीजलपर 27 और 17.26 टैक्स लेती हैं।
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