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देश में डेढ़ लाख लोग कमाते हैं एक करोड़ रुपए से ज्यादा, सीबीडीटी चेयरमैन ने यहां किया खुलासा

Published: Feb 08, 2019 11:41:04 am

Submitted by:

Saurabh Sharma

अप्रैल से जनवरी तक के आंकड़ों पर नजर दौड़ाएं तो देश के 6.31 करोड़ लोगों ने आयकर रिटर्न फाइल किया है। जो आखिरी वित्तीय वर्ष के मुकाबले 37 फीसदी ज्यादा है।

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देश में डेढ़ लाख लोग कमाते हैं एक करोड़ रुपए से ज्यादा, सीबीडीटी चेयरमैन ने यहां किया खुलासा

नर्इ दिल्ली। जिस देश की आबार 125 करोड़ से ज्यादा हो, जिसकी आर्थिक वृद्घि दर 7.5 फीसदी हो, उस देश के लोग जब आयकर जमा कराते हैं तो उसमें मात्र डेढ़ लाख लोग ही एेसे होते हैं जिनके पास एक करोड़ रुपए से ज्यादा की आय होती है। ताज्जुब की बात तो ये है कि यह देश दुनिया की सबसे ज्यादा आगे की आेर ग्रो करने वाली अर्थव्यवस्था है। यह बातें एसोचैम के एक कार्यक्रम में सेंट्रल बोर्ड आॅफ डायरेक्ट टैक्स के चेयरमैन सुशील चंद्रा ने कही है। आइए आपको भी बताते हैं कि उन्होंने आैर क्या-क्या कहा है…

यह स्थिति अर्थव्यवस्था के लिए खराब
उन्होंने आगे कहा कि डिपार्टमेंट ने यह आयकर जमा करने वालों की इनकम से लगाया है। चंद्रा ने एसोचैम द्वारा आयोजित सम्मेलन में कहा कि खास बात यह है कि 1 करोड़ रुपए से ऊपर की आय वाले अधिकतर लोग वेतनभोगी थे, न कि कोई फर्म या एसोसिएशन जो सीमा से अधि आय की बता रहे थे। यह अर्थव्यवस्था में व्यय प्रतिमानों के अनुरूप नहीं है। आपको बता दें कि 2014-15 के मुकाबले देश में सालाना एक करोड़ रुपए कमाने वालों की संख्या में 69 फीसदी से अधिक इजाफा हुआ है।

6.31 करोड़ लोगों ने किया आयकर रिटर्न फाइल
अप्रैल से जनवरी तक के आंकड़ों पर नजर दौड़ाएं तो देश के 6.31 करोड़ लोगों ने आयकर रिटर्न फाइल किया है। जो आखिरी वित्तीय वर्ष के मुकाबले 37 फीसदी ज्यादा है। वहीं 95 लाख एेसे टैक्सपेयर सामने आए हैं, जिन्होंने पहली बार टैक्स जमा किया है। वहीं 2018 में 1.06 करोड़ नए टैक्सपेयर को जोड़ा आैर नए फिस्कल र्इयर में 1.25 करोड़ नए टैक्सपेयर्स को जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है। सुशील चंद्रा ने कहा कि इस देश में जहां जीडीपी, खर्च, उपभोग सभी बढ़ रहा है, सारे पांच सितारा होटल भरे हुए हैं, लेकिन जब आप किसी से पूछेंगे कि कितने लोग एक करोड़ रुपए से अधिक आय की जानकारी रिटर्न में दे रहे हैं? स्थिति बहुत खराब है।

सिर्फ 50 फीसदी ने पैन को आधार से जोड़ा
कार्यक्रम में सुशील चंद्रा ने कहा कि पैन कार्ड से आधार को जोड़ने की समयसीमा 31 मार्च करीब आ गई है, लेकिन अभी तक 50 फीसदी ने ही बायोमीट्रिक आइडेंटिटी को इससे जोड़ा है। उन्होंने बताया कि आयकर विभाग ने अब तक 42 करोड़ स्थार्इ खाता संख्या (पैन) आवंटित किए हैं। इनमें से 23 करोड़ लोगों ने ही पैन से आधार जोड़ा है। सुप्रीम कोर्ट ने आधार पर सुनवाई करते हुए आयकर रिटर्न दायर करते समय आधार को अनिवार्य कर दिया था। शीर्ष अदालत ने पैन और आधार को जोड़ने की समय-सीमा 31 मार्च तय की थी।

वर्ना रद हो जाएगा आपका पैन
चंद्रा ने कहा कि आधार से जोड़ने से नकली पैन रखने वालों की पहचान सामने आएगी। अगर इसे आधार से नहीं जोड़ा गया तो हम पैन रद्द भी कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि जब पैन से आधार जुड़ जाएगा और पैन बैंक खाते से जुड़ा रहेगा तो आईटी विभाग टैक्सपेयर के खर्च करने का तरीका और अन्य जानकारियां आसानी से पता कर सकेगा। कई अन्य एजेंसियां भी आधार से जुड़ी हुई हैं। इससे यह भी पता लगेगा कि समाज कल्याण योजनाओं का लाभ सही लोगों को मिल रहा है या नहीं।

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