आरबीआई के अनुसार, सुरक्षा की द्यष्टि से नियमित प्रक्रिया के तहत महात्मा गांधी सीरीज- 2005 से पुराने नोट प्रचलन से वापस लिए जाने हैं। उसका कहना है कि नए नोटों में बेहतर सुरक्षा प्रावधान हैं। पुराने नोटों पर छपाई का वर्ष नहीं है जबकि नए नोटों पर पीछे तरफ नीचे मध्य भाग में छपाई का वर्ष लिखा होता है।
आम लोग 30 जून तक किसी भी बैंक की कि सी भी शाखा में जाकर पुराने नोट बदल सकते हैं, जबकि निश्चित अवधि के बाद 500 रूपए या हजार रूपए के 10 से ज्यादा नोट बदलने के लिए बैंक में उनका खाता होना या पहचान और आवास का प्रमाण देना जरूरी होगा। लोग चाहें तो इन नोटों के बदले नकद ले सकते हैं या अपने बैंक खाते में पैसे जमा करा सकते हैं।
आरबीआई का कहना है कि वर्तमान में परिचालन में मौजूद पुराने नोटों की संख्या काफी कम है और इसलिए इन्हें वापस लिए जाने से जनजीवन पर कोई खास असर नहीं होगा। हालांकि, ये नोट पूरी तरह वैध बने रहेंगे। साथ ही उसने सभी वाणिज्यिक बैंकों को से भी यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि एटीएम और नकद काउंटरों पर भी ये नोट ग्राहकों को न दिए जाएं।