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पाकिस्तान में बढ़ी महंगाई
आर्थिक तंगी से जूझ रहे पाकिस्तान की जनता को महंगाई ने बेहाल कर रखा है। मई माह में खाद्य पदार्थों और ईंधन के दामों में जोरदार बढ़ोतरी से मई में महंगाई की वार्षिक उपभोक्ता मुद्रास्फीति एक माह पहले की 8.82 फीसदी की तुलना में बढ़कर 9.11 फीसदी पर पहुंच गई। पाकिस्तान सांख्यिकी ब्यूरो के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार मई में मुद्रास्फीति की औसत दर 7.19 फीसदी रही। मई-19 में थोक मूल्य सूचकांक की महंगाई 1.43 फीसदी और संवेदनशील मूल्य सूचकांक 0.78 फीसदी उछल गया। ब्यूरो के अनुसार मुद्रास्फीति को बढ़ाने में मुख्य रूप से ईंधन और खाद्य पदार्थों का योगदान रहा।
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प्याज और टमाटर के दाम आसमान पर
अगर बात खाने पीने के सामानों पर महंगाई के असर को देखें को काफी बढ़ गई है। आलोच्य अवधि में खाद्य पदार्थों में प्याज के दाम 77.52 फीसदी, तरबूज 55.73, टमाटर 46.11, नींबू 43.46 और चीनी 26.53 फीसदी मंहगी हो गई। लहसुन 49.99, मूंग 33.65, आम28. 99 और मटन के दाम 12.04 फीसदी बढ गए। अन्य खाद्य पदार्थों की कीमतों में भी बढ़ोतरी हुई। ऐसे में आम लोगों के हाथों से प्याज और टमाटर जैसे खाने की चीजें भी दूर हो रही है।
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पेट्रोल और डीजल की कीमतों में उछाल
अगर बात ईंधन की करें तो गैस के दाम में 85.31 फीसदी, पेट्रोल 23.63 फीसदी, हाई स्पीड डीजल की कीमत में 23.86 फीसदी की वृद्धि हुई। देश में महंगाई बढऩे की सबसे बड़ी वजह ईंधन की कीमतों में तेजी भी है। वहीं बात सार्वजनिक यातायात के किराए की करें तो उसमें इजाफा दिखाई दे रहा है। आंकड़ों के अनुसार बस का किराया 51.16, बिजली 8.48 और मकान किराए में 6.15 फीसदी तक की बढ़ोतरी हुई है।
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लगातार डूब रहा पाकिस्तानी रुपया
पाकिस्तानी केंद्रीय बैंक बीते एक साल में पांच बार करंसी को डिवैल्यू कर चुका है। गत बुधवार को कारोबार के बाद पाकिस्तानी रुपया डॉलर के मुकाबले 149.64 के स्तर पर बंद हुआ। पिछले सप्ताह ही यह 152.525 के स्तर न्यूनतम स्तर पर पहुंचा था। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तानी रुपया दो देश जाम्बिया और हैती के साथ दुनिया का सबसे खराब प्रदर्शन वाली करंसी बन गया है। जानकारों का मानना है कि यदि पाकिस्तानी रुपये का प्रदर्शन ऐसे ही खराब रहा तो बहुत जल्द यह दुनिया का सबसे खराब प्रदर्शन करने वाला करंसी बन जाएगा। बीते 1 साल में कुल मूल्य में एक तिहाई की गिरावट देखने को मिली है।
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200 के पार जा सकता है पाकिस्तानी रुपया
हाल ही में ब्लूमबर्ग ने अपनी एक रिपोर्ट में अर्थशास्त्री केसर बंगाली के हवाले से लिखा है कि पाकिस्तानी रुपए का संभलना बेहद मुश्किल नजऱ आ रहा है, क्योंकि कर्ज बहुत ज्यादा है। वहीं, सरकार की आमदनी घट रही है। वहीं, महंगाई आसमान छू रही हैं। ऐसे में पाकिस्तानी रुपया साल के अंत तक 200 प्रति डॉलर तक जा सकता है।पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था बूम एंड बस्ट सायकल से गुजर रही हैं। पिछले एक साल के दौरान रुपया 20 फीसदी कमजोर हो चुका है।
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