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आईएलओ की रिपोर्ट में खुलासा
कोरोना वायरस के कारण 2020 में दुनिया में नौकरियों का नुकसान 2009 के ग्लोबल फाइनेंशियल क्राइसेस में हुए नुकसान के मुकाबले चार गुना ज्यादा देखने को मिला है। महामारी के कारण 2020 में कुल 22 करोड़ से ज्यादा पूर्ण नौकरियों को नुकसान हुआ। साथ ही श्रमिकों को 3700 अरब डॉलर की आय का नुकसान हुआ। इसके अलावा कोरोना वायरस को रोकने के लिए कंपनियों और सार्वजनिक जीवन पर लागू पाबंदियों के कारण दुनिया में 8.8 फीसदी कार्यअवधि की क्षति हुई।
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1930 के बाद सबसे बड़ा संकट
आईएलओ के महानिदेशक गुय राइडर के अनुसार कोरोना वायरस संकट 1930 के दशक की महामंदी के बाद का सबसे बड़ा संकट है। इसका असर 2009 के ग्लोबल फाइनेंशियल क्राइसेस से कहीं बहुत गहरा है। उन्होंने कहा कि इस बार के संकट में काम के घंटों में कमी और बेरोजगारी दोनों ही देखने को मिली है। संगठन के अनुसार कोराना वायरस संकट के कारण रेस्त्रां, बार, दुकान, होटल ओर अन्य सेवाओं में सबसे ज्यादा बेरोजगारी देखने को मिली है।
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3700 अरब डॉलर की आय का नुकसान
बेरोजगारी के कारण दुनिया में कर्मचारियों और मजदूरों को 3700 अरब डॉलर की आय का नुकसान हुआ है। आईएलओ महानिदेशक ने इसे ‘असाधारण रूप से बड़ा’ नुकसान बताया। इसमें सबसे ज्यादा नुकसान महिलाओं और युवा वर्ग के लोगों को हुआ। आईएलओ को उम्मीद है कि इस वर्ष के उत्तरार्ध में रोजगार के अवसर फिर बढऩे लगेंगे। लेकिन यह कोरोना संक्रमण की आगे की स्थिति पर निर्भर करेगा।