ये है नीति आयोग का सुझाव नीति आयोग पेट्रोल कार पर खर्च को 10 फीसदी तक कम करने की योजना पर काम कर रहा है। इसी के तहत नीति आयोग ने सरकार से पेट्रोल में 15 फीसदी मेथनॉल मिलाने का सुझाव दिया है। खबरों के अनुसार इसको अनिवार्य बनाने के लिए जल्द की एक कैबिनेट नोट आ सकता है। इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार इस संबंध में बीते माह जुलाई के आखिरी सप्ताह में एक उच्चस्तरीय बैठक हो चुकी है। रिपोर्ट के अनुसार कैबिनेट सचिव खुद इस मामले पर नजर बनाए हुए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है मोदी सरकार नीति आयोग के इस सुझाव को मान लेती है तो पेट्रोल की कीमतों में 10 फीसदी तक कम आ जाएगी।
अर्थव्यवस्था को भी होगा फायदा यदि मोदी सरकार नीति आयोग के सुझाव को मानती है तो इससे देश की अर्थव्यवस्था को भी काफी फायदा होगा। जानकारों के अनुसार पेट्रोल में 15 मेथनॉल का मिश्रण करने से कच्चे तेल का आयात कम हो जाएगा। इससे सरकार को कच्चे तेल पर कम राशि खर्च करनी होगी। दरअसल नीति आयोग 2030 तक कच्चे तेल के आयात खर्च में हर साल 100 अरब डॉलर तक कमी लाने को लेकर रोड मैप बना रहा है। आयोग का कहना है कि पेट्रोल में 15 फीसदी मेथनॉल मिलाने पर ही यह लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है।
20 रुपए लीटर है मेथनॉल अभी सरकार ने 10 फीसदी एथेनॉल मिलाकर पेट्रोल बेचने की इजाजत दे रखी है। इस समय बाजार में एथेनॉल 42 रुपए प्रति लीटर मिल रहा है। इससे पेट्रोल की कीमतों पर ज्यादा असर नहीं पड़ रहा है। जबकि मेथनॉल मात्र 20रुपए प्रति लीटर पर मिल रहा है। यदि पेट्रोल में 15 फीसदी मेथनॉल मिला दिया जाता है तो इसकी कीमतें काफी हद तक कम हो सकती है। नीति आयोग का मानना है कि एेसा करने से पेट्रोल की कीमतें 10 फीसदी तक सस्ती हो जाएंगी। नीति आयोग के इस सुझाव पर ऑटो इंडस्ट्री ने मिलीजुली प्रतिक्रिया दी है।